नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार की ओर से वक्फ संशोधन विधेयक को संसद में पेश करने की मंजूरी मिल गई है. केंद्र सरकार की वक्फ संशोधन विधेयक को बजट सत्र के दूसरे चरण में पेश करने की तैयारी है. बजट सत्र का दूसरा चरण 10 मार्च से 4 अप्रैल तक चलेगा. जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी-JPC की ओर से मूल विधेयक के प्रावधानों में 14 अहम बदलाव सुझाए गए थे, जिस पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है.
वक्फ बिल का नया ड्राफ्ट JPC की रिपोर्ट के आधार पर तैयार किया गया है. इससे पहले बजट सत्र के पहले चरण में JPC की रिपोर्ट को 13 फरवरी को वक्फ बिल लोकसभा औऱ राज्यसभा में पेश किया घया था. इसके बाद विपक्ष ने इसे फर्जी बताकर दोनों सदनों में खूब हंगामा किया था. विपक्ष का आरोप है कि उनकी असहमतियों को JPC रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया.
पुराने कानून से हटके JPC ने जो संशोधन किए हैं, उसके तहत वक्फ संपत्ति विवाद मामलों में शिकायतकर्ता को वक्फ ट्रिब्यूनल के साथ ही रेवेन्यू कोर्ट, सिविल कोर्ट और हाईकोर्ट में अपील करने का अधिकार होगा. साथ ही शिकायतकर्ता या पीड़ित को ट्रिब्यूलन के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करने का भी अधिकार होगा. संशोधन विधेयक में वक्फ बोर्ड में 2 महिलाओं की नियुक्ति अनिवार्य करने के अलावा दो गैर-मुस्लिम सदस्यों को भी शामिल करने का प्रावधान किया गया है.
अभी तक किसी जमीन पर मस्जिद या उसका उपयोग किसी अन्य इस्लामिक गतिविधि के लिए हो तो वक्फ की संपत्ति हो जाती थी, लेकिन संशोधन विधेयक के तहत किसी ने जब तक जमीन दान में न दी हो तब तक वो जमीन वक्फ की नहीं होगी. चाहे उसपर मस्जिद क्यो न बनी हो. वहीं पुराने कानून में वक्फ के फैसले को ही आखिरी माना जाता था, लेकिन अब वक्फ के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की जा सकती है.