प्रयागराज: 144 साल बाद अद्भुद संयोग में आयोजित हुआ महाकुंभ, महाशिवरात्रि के आखिरी अमृत स्नान के बाद 26 फरवरी को समाप्त हो गया है. इस दिव्य आयोजन में कई तरह के रिकार्ड बने हैं, जिससे दुनिया भर में सराहना हो रही है. महाकुंभ में करीब 65 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. जो पूर्व अनुमानित 40 करोड़ से काफी अधिक है.
महाकुंभ मेला क्षेत्र करीब 4 हजार हेक्टेयर में फैला था, जिसमें 4 लाख से ज्यादा तंबू और 1.5 लाख टॉयलेट्स बनाए गए. इसके अलावा श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए 13,830 ट्रेनों चलाई गईं. जिनसे करीब 30.2 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे. वहीं, करीब 2,800 से अधिक फ्लाइट्स से देश व दुनिया के अन्य देशों से करीब 4.5 लाख श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे.
योगी सरकार ने महाकुंभ में सिक्योरिटी का महाइंतजाम किया था. मेला क्षेत्र में 60 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई थी. साथ ही 2,700 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए. जो आयोजन की सुरक्षा के मामले में एक बड़ी उपलब्धि थी. वहीं, मेला क्षेत्र में 43 हॉस्पिटल बनाए गए, जिसमें 6 लाख से अधिक लोगों का इलाज किया गया.
स्वच्छता के लिएॉ 4 लाख डस्टबिन लगाए गए और 11 हजार कर्मियों ने सफाई की जिम्मेदारी संभाली. साथ ही मेला क्षेत्र में अनुमानित 3 लाख करोड़ रुपये के लेन-देन का आंकड़ा रिकॉर्ड तोड़ने वाला था. इस विशेष और भव्य महाकुंभ ने न केवल आध्यात्मिक क्षेत्र में बल्कि सामूहिक प्रयासों और व्यवस्थाओं में भी नये कीर्तिमान स्थापित किए हैं. @Sarvesh