लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के 32 जिलों में मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट विद्यालयों की स्वीकृति दे दी है. इन स्कूलों का उद्देश्य राज्य में शिक्षा का स्तर और बेहतर करना है. यह विद्यालय प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 12 तक शिक्षा प्रदान करेंगे, जिससे हर बच्चे को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा मिल सकेगी.
आधुनिक और स्मार्ट शिक्षा के लिए नये विद्यालय
मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट स्कूल स्मार्ट क्लास, रोबोटिक्स और मशीन लर्निंग ट्रेनिंग, लैंग्वेज, मैथ्स, साइंस और कंप्यूटर लैब जैसी आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे. साथ ही यहां मल्टीपरपज हॉल, खेलकूद का मैदान, और सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था भी होगी. इन विद्यालयों में छात्रों को डिजिटल शिक्षा प्लेटफॉर्म और डिजिटल लर्निंग संसाधन मिलेंगे, जो उनकी पढ़ाई को और अधिक प्रभावी बनाएंगे.
सभी जिलों में शिक्षा का दायरा बढ़ेगा
इन विद्यालयों का निर्माण अभी राज्य के 32 जिलों में होगा, जिनमें सीतापुर, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, बाराबंकी, बिजनौर, महाराजगंज, कानपुर देहात और कई अन्य जिलों को शामिल किया गया है. इससे ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा और छात्रों को बेहतर भविष्य की दिशा मिलेगी.
सुविधाओं से भरपूर होगा CM मॉडल सरकारी स्कूल
हर मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट विद्यालय का निर्माण लगभग 25 करोड़ रुपये की लागत से होगा, और इसमें सभी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इन विद्यालयों में स्मार्ट क्लास, रोबोटिक्स प्रशिक्षण, और खेलकूद सुविधाओं के साथ-साथ मॉड्यूलर किचन डाइनिंग हॉल जैसी सुविधाएं भी होंगी, जो छात्रों को एक बेहतर और समग्र विकास का अवसर प्रदान करेंगी.
सभी के लिए समान अवसर
यह विद्यालय पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के तहत भी कुछ जिलों में बनेंगे, जैसे कि रामपुर, बहराइच, भदोही, हाथरस और बदायूं शामिल हैं. इन जिलों में ONGC द्वारा इन विद्यालयों का निर्माण किया जाएगा. इससे शिक्षा के क्षेत्र में न केवल सरकारी प्रयासों को बल मिलेगा, बल्कि निजी क्षेत्र का योगदान भी महत्वपूर्ण साबित होगा.
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