महाकुंभ नगर: प्रयागराज महाकुंभ, जो अब तक का विश्व का सबसे बड़ा आयोजन बन चुका है, वो राजनीतिक लाभ के लिए आरोप-प्रत्यारोप के केंद्र में है. महाकुंभ के लिए सरकार ने सभी व्यवस्थाएं पहले से की हैं, इसको लेकर एक अस्थायी नगर बसाया गया जिसमें भारत-चीन के बाद अन्य देशों की तुलना में ज्यादा भीड़ जुटी है. 38 दिनों में महाकुंभ में स्नान करने वालों की संख्या 54 करोड़ के पार पहुंच चुकी है. इसके बावजूद इस धार्मिक आयोजन पर विपक्षी नेताओं द्वारा लगातार बयानबाजी जारी है.
ममता बनर्जी का विवादित बयान
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महाकुंभ मेले में कथित कुप्रबंधन के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार की तीखी आलोचना की है।
– उन्होंने आरोप लगाया कि महाकुंभ में VVIPs को खास सुविधाएं दी जा रही हैं, जबकि आम लोगों को वहां भारी मुसीबतों का… pic.twitter.com/SAIMxPw6I5— Molitics (@moliticsindia) February 18, 2025
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महाकुंभ को “मृत्युकुंभ” करार देते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने उचित इंतजाम नहीं किए थे, जिसके परिणामस्वरूप कई लोगों की जान चली गई. उनका यह बयान महाकुंभ के आयोजन और इसके प्रबंधन पर सवाल उठाता है, जबकि कई जगहों पर सरकारी और निजी प्रयासों से लाखों-करोड़ों लोगों के लिए रहने, खाने और सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं. ममता बनर्जी का यह बयान महाकुंभ के आयोजन को लेकर एक नए विवाद को जन्म दे रहा है. वहीं ममता बनर्जी के इस बयान का अखिलेश यादव ने भी समर्थन किया है.
शिवपाल यादव का महाकुंभ पर तंज
Lucknow, Uttar Pradesh: Samajwadi Party National General Secretary Shivpal Singh Yadav said, “The government made the Governor’s speech false, which is why the Governor did not read it and left feeling upset…” pic.twitter.com/U29wOVfgZq
— IANS (@ians_india) February 18, 2025
वहीं इसमाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने भी महाकुंभ के आयोजन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यह एक महज प्रचार का साधन है और सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है. उनकी यह टिप्पणी महाकुंभ के खर्चे पर सवाल उठाती है, जबकि सपा सरकार के कार्यकाल में 2013 में हुए अर्धकुंभ को लेकर भ्रष्टाचार की खबरें सामने आईं थी. वहीं समाजवादी पार्टी के शासनकाल में ‘सैफई महोत्सव’ के आयोजन पर भी 300 करोड़ से जदाय का भारी खर्च किया गया था. जो मात्र एक मनोरंजन का आयोजन था.
पूर्व CM अखिलेश यादव ने ‘महाकुंभ’ नाम पर उठाया था सवाल
इन्हें महाकुम्भ से “जलन” क्यों हो रही है?
सरकार सब पैसा “कुम्भ” में लगा देगी तो “किसान” का क्या होगा : अखिलेश यादव
हज हॉउस बनाने, सैफई महोत्सव में जनता का पैसा पानी की तरह क्यों बहाया? 🤔 pic.twitter.com/3hDKjZGjhk
— Sudhir Mishra 🇮🇳 (@Sudhir_mish) February 18, 2025
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने महाकुंभ को मनोरंजन से जोड़ते हुए एक तंज कसा. उन्होंने कहा कि यदि फिल्मों को मनोरंजन कर से मुक्त किया जा सकता है, तो महाकुंभ के दौरान वाहनों के लिए टोल मुक्त क्यों नहीं किया जा सकता? उनका यह बयान महाकुंभ के खर्चों और आयोजन के बारे में सरकार से जवाब मांगता है, हालांकि उनके पार्टी के शासन में भी सफाई में बड़े आयोजन हुए थे. वहीं इससे पहले उन्होंने महाकुंभ के नाम पर भी विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि ये महा भ्रष्टाचार के लिए रखा गया है. सरकार सब पैसा “कुम्भ” में लगा देगी तो “किसान” का क्या होगा.
सपा सांसद अफजाल अंसारी ने की थी विवादित टिप्पणी
अफजाल अंसारी सांसद हैं, कोई ऐरा ग़ैरा जाहिल इंसान होता तो हम उसकी बात पर ध्यान नहीं देते! क्या जरूरत थी महाकुंभ पर बोलने की ? सोचकर देखिए, किसी हिन्दू सांसद ने हज यात्रा को लेकर ऐसी टिप्पणी की होती, हंगामा बरप गया होता!
बाद में कहेंगे कि बोलने की आज़ादी नहीं है! pic.twitter.com/N4difqDwOl
— Prabhakar Kumar Mishra (@PMishra_Journo) February 15, 2025
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से सपा सांसद अफजाल अंसारी के खिलाफ महाकुंभ पर दिए गए उनके विवादित बयान को लेकर एक और केस दर्ज हुआ था. एक कार्यक्रम में महाकुंभ को लेकर अफजाल अंसारी ने कहा था- ‘लगता है स्वर्ग हाउस फुल हो जाएगा, नर्क में कोई बचेगा ही नहीं. श्रद्धा के इस पर्व पर मान्यता है कि संगम तट पर नहाकर व्यक्ति पवित्र हो जाएगा, पाप धुल जाएगा, बैकुंठ का रास्ता खुल जाएगा.’ इसको लेकर जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष देव प्रकाश सिंह ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. आरोप लगाया कि अफजाल अंसारी ने अपने पद की गरिमा के खिलाफ महाकुंभ पर टिप्पणी की, जिससे सनातन धर्म के अनुयायियों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं. यह पहली बार नहीं है जब अफजाल अंसारी विवादों में घिरे हैं। इससे पहले भी उन्होंने साधु-संतों के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणियां की थीं, जो धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली मानी गईं। उनके बयानों को लेकर लगातार राजनीतिक बवाल मच रहा है, और अब पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
‘विरोधी सनातन धर्म के खिलाफ साजिश कर रहे हैं – CM योगी’
CM योगी आदित्यनाथ ने विरोधियों के बयानों का जवाब देते हुए पहले ही कहा था कि कुछ समूह, जो महाकुंभ से नाखुश हैं, वही लोग हैं जिन्होंने अयोध्या में राम मंदिर और कोविड-19 टीकाकरण का विरोध किया था. CM योगी ने श्रद्धालुओं को यह आश्वासन दिया कि सनातन धर्म के प्रति विरोधी ताकतें हमेशा असफल रहेंगी.
राजनीतिक बयानबाजी के पीछे क्या है असल तस्वीर?
महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन से जुड़ी बयानबाजी को देखते हुए सवाल उठता है कि क्या ये बयानों के पीछे विपक्ष को असल में राजनीति और वोट बैंक की चिंता है? विभिन्न विरोधी नेता महाकुंभ के आयोजन को एक अवसर मानते हुए अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में लगे हुए हैं. जबकि, इस आयोजन का असल उद्देश्य धार्मिक आस्था और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना है, जबकि विपक्षी नेता इसको मुद्दा बनाकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं.
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