वाराणसी/प्रयागराज/अयोध्या: महाकुंभ में आस्था का स्नान करने के बाद श्रद्धालु भारी संख्या में काशी विश्वनाथ और अयोध्या में भगवान रामलला के दर्शन करने पहुंच रहे हैं. पिछले 9 दिनों में करीब 60 लाख से ज्यादा श्रद्धालु काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे हैं. वहीं, प्रयागराज से श्रद्धालु भारी तादाद में भगवान रामलला के दर्शन करने अयोध्या भी पहुंच रहे हैं.
काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की ओर से बताया जा रहा है कि महाकुंभ में स्नान करने के बाद भक्त भारी तादाद में वाराणसी पहुंच रहे हैं. वर्तमान में उमड़ने वाली भक्तों की भीड़ आमतौर पर सावन और शिवरात्रि के पर्व पर होने वाली भीड़ से लगभग दोगुनी है. श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन और मंदिर प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था लगातार दुरुस्त की जा रही हैं. वहीं, भक्त रामलला के दर्शन करने भारी तादाद में अयोध्या का रुख भी कर रहे हैं. मंदिर ट्रस्ट कार्यालय की ओर से बताया गया कि महाकुंभ से स्नान कर रामलला के दर्शन करने आने वाले भक्त दान भी कर रहे हैं.
राम मंदिर ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि महाकुंभ में स्नान करने के बाद लाखों भक्त अयोध्या आ रहे हैं. राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से हर रोज करीब 4 लाख से अधिक श्रद्धालुओं को दर्शन करवाया जा रहा है. ये सिलसिला 14 जनवरी से लगातार जारी है. प्रकाश गुप्ता ने आगे बताया कि राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से 10 दान काउंटर खोले गए हैं. सभी दान काउंटरों पर हर रोज 10 लाख से ज्यादा का दान आ रहा है. उन्होंने बताया कि महाकुंभ के 1 महीने में अबतक करीब 15 करोड़ से ज्यादा का दान आ चुका है. इसमें रामलला के सामने रखे 6 दानपात्रों की राशि भी शामिल है.
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वहीं, काशी विश्वनाथ मंदिर के जनसंपक्र अधिकारी गजेंद्र ने बताया कि पिछले 9 दिनों में करीब 60 लाख से ज्यादा श्रद्धालु काशी विश्वनाथ के दर्शन करने पहुंच चुके हैं. ऐसे में भक्तों की भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन की ओर से लोगों को चौबीसों घंटे सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. साथ ही मंदिर आने वाले लोग अपने आराध्य के दर्शन पा सकें इसकी भी नियमित व्यवस्था की जा रही है. वहीं, अभी हाल ही में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान भी काशी विश्वनाथ मंदिर आने के बाद अपने परिवार के साथ महाकुंभ में आस्था का पवित्र स्नान कर चुके हैं.
उधर, राम मंदिर ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि वर्तमान में भगवान रामलला के दर्शन करने आने वाले भक्त, भीड़ अत्यधिक होने की वजह से दानपात्र में पैसे नहीं डाल पा रहे हैं. मंदिर में इस कदर भीड़ है कि भक्तों को अपने दान की राशि मंदिर के बाहर ही रखनी पड़ी रही है. ऐसा उन्हें भीड़ के दबाव की वजह से करना पड़ रहा है. वहीं, उन्होंने बताया कि महाकुंभ के पहले भी मंदिर में हर महीने करीब 3 करोड़ से ज्यादा का दान आ रहा था.