लखनऊ: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण के बाद आज मंगलवार से यूपी विधानसभा के बजट सत्र का आगाज हो गया है. सत्र के पहले दिन सदन को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने यूपी की क्षेत्रीय भाषाओं को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि राज्य की विभिन्न बोलियों जैसे भोजपुरी, अवधी, ब्रज और बुंदेलखंडी को इस सदन में सम्मान मिल रहा है. सीएम ने यह भी बताया कि उनकी सरकार इन बोलियों के लिए अलग-अलग अकादमियों की स्थापना की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ा रही है.
#WATCH | विधानसभा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “उत्तर प्रदेश की विभिन्न बोलियों भोजपुरी, अवधी, ब्रज और बुंदेलखंडी को इस सदन में सम्मान मिल रहा है और हमारी सरकार इन सभी के लिए अलग-अलग अकादमियां बनाने की प्रक्रिया को भी आगे बढ़ा रही है… यह सदन केवल शुद्ध… pic.twitter.com/O4lwESyJVz
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 18, 2025
सीएम योगी ने सदन में बोलते हुए आगे कहा कि यह सदन केवल शुद्ध साहित्यिक और व्याकरण के विद्वानों के लिए नहीं है. अगर कोई हिंदी में धाराप्रवाह नहीं बोल सकता है, तो उसे भोजपुरी, अवधी, ब्रज या बुंदेलखंडी में भी अपनी बात रखने का अधिकार मिलना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि यह अत्यंत विचित्र है कि कुछ लोग भोजपुरी या अवधी न बोलकर उर्दू की वकालत करते हैं. समाजवादी पार्टी पर तंज कसते हुए सीएम ने कहा कि समाजवादियों का चरित्र इतना दोहरा हो गया है कि वे अपने बच्चों को अंग्रेजी पब्लिक स्कूल में भेजते हैं और दूसरों के बच्चों को गांव के सरकारी स्कूलों में पढ़ने की सलाह देते हैं, जहां संसाधन भी नहीं होते.
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन के सामने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रही है, ताकि राज्य की स्थानीय बोलियां और भाषाएं न केवल सम्मानित हों, बल्कि उन्हें एक मंच भी मिल सके. उन्होंने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार का उद्देश्य राज्य की बोलियों और भाषाओं को संरक्षण और प्रोत्साहन देना है, ताकि यह संस्कृति आने वाली पीढ़ियों तक जीवित रह सके. साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि ये बोलियां राज्य की विविधता और समृद्धि का प्रतीक हैं, इनका सम्मान होना चाहिए.