New Delhi: सोमवार की रात पीएम मोदी के नेतृत्व में हुई बैठक में देश के अगले मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) का चयन कर लिया गया है. अब यह दिम्मेदारी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार संभालेंगे. कानून मंत्रालय ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सहमति मिलने के बाद उनकी नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी है. ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. साथ ही वह 2024 से चुनाव आयोग में चुनाव आयुक्त के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाहन कर रहे हैं. अब वह 19 फरवरी को CEC के तौर पर कार्यभार संभालेंगे.
ज्ञानेश कुमार 19 फरवरी 2025 से भारत के नए मुख्य चुनाव आयुक्त होंगे। pic.twitter.com/FGmoKdgEBU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 17, 2025
आज 18 फरवरी को मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार सेवानिवृत्त हो रहे हैं. इसी को देखते हुए नए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए सेलेक्शन कमेटी की बैठक सोमवार को हुई. जिसमें पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी मौजूद रहे. हालांकि कांग्रेस ने नए इलेक्शन कमिश्नर की नियुक्त का विरोध किया है.
राजीव कुमार ने 2022 में संभाला था कार्यभार
वर्तमान CEC राजीव कुमार ने 15 मई 2022 को 25वें मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाला था. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान 16वें राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति का चुनाव, 11 राज्यों में विधानसभा चुनाव व 2024 में देश में हुए आम लोकसभा चुनाव कराया. हालांकि आज वह अपने पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं.
कांग्रेस ने किया विरोध
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने नए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पर सलाव उठाए हैं. उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि सरकार ने आधी रात को जल्दबाजी में नए केंद्रीय चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी है. यह हमारे संविधान की भावना के खिलाफ है. सुप्रीम कोर्ट ने कई मामलों में दोहराया है कि चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता के लिए, सीईसी को एक निष्पक्ष हितधारक होना चाहिए.
यह भी पढ़ें: आज से शुरू होगा यूपी विधानसभा का बजट सत्र, दोपहर 12:30 बजे ‘वंदे मातरम्’ के बाद होगी संयुक्त बैठक
उन्होंने आगे लिखा कि संशोधित कानून ने सीजेआई को सीईसी चयन पैनल से हटा दिया. सरकार को सीईसी का चयन करने से पहले 19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई तक इंतजार करना चाहिए था. उन्होंने बैठक पर सवाल उठाते हुए कहा कि जल्दबाजी में बैठक करने और नए इलेक्शन कमिश्नर की नियुक्ति करने के लिए सरकार को कोर्ट के स्पष्ट आदेश की प्रतीक्षा करनी चाहिए थी.
In a hasty midnight move, the Government has notified the appointment of the new Central Election Commissioner. This goes against the spirit of our Constitution, and what has been reiterated by the Supreme Court in many cases – for the electoral process to have sanctity, the CEC… https://t.co/tCdF8nPd3W
— K C Venugopal (@kcvenugopalmp) February 17, 2025