प्रयागराज: महाकुंभ में एशिया और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के प्रकल्प दिव्य ज्योति वेद मंदिर का नाम दर्ज हो गया है. मंदिर में लगातार ब्रह्मज्ञान में दीक्षित वेदपाठियों की ओर रुद्री संहिता का पाठ किए जाने के बाद ये रिकॉर्ड बना है. रुद्रि पाठ की शुरूआत 14 जनवरी से हुई थी और इस पाठ का समापन 16 फरवरी दिन रविवार को सुबह 4 बजे हुआ था.
शुक्ल यजुर्वेद से रुद्राष्टाध्यायी संहिता यानी (रुद्री पाठ) का 11 हजार 151 बार पाठन किया गया. इस रिकॉर्ड में कुल 566 ब्रह्मज्ञानी वेदपाठियों ने हिस्सा लिया. जिसमें 794 घंटों तक करीब 26,42,409 मंत्रों का जाप किया गया. इस रिकॉर्ड में शामिल सभी लोग वेदपाठी दिव्य गुरु आशुतोष महाराज के शिष्य-शिष्याएं हैं, जो कि देश-विदेश से संस्थान के महाकुंभ के सेक्टर-9 के शिविर में पहुंचे थे.
बता दें कि दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के अध्यक्ष प्रमिल द्विवेदी स्वामी आदित्यानंद और सचिव, स्वामी नरेंद्रानंद जी को एशिआ और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड की ओर से सर्टिफिकेट प्रदान किया गया. इस मौके पर प्रमिल द्विवेदी ने कहा कि संस्थान की ओर से वैदिक मंत्रोच्चार की ये पहल बहुत ही सराहनीय है. उन्होंने बताया कि आज दिव्य ज्योति वेद मंदिर को दो रिकॉर्ड से सम्मानित किया गया है. इस रिकॉर्ड को हासिल करने में सभी वेदपाठियों ने शुद्ध उच्चारण एवं नि:स्वार्थ भावना से अपना असाधारण एवं ऐतिहासिक योगदान दिया है.
उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास हैं कि ये भारतीय वैदिक संस्कृति को पोषित और पल्लवित करने में अपनी अग्रणीयऔर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. वहीं, दिव्य ज्योति वेद मंदिर की इंचार्ज साध्वी दीपा भारती ने कहा कि संस्थान को इस बात पर गर्व है कि वो ऐसी असाधारण पहल करने सफल रहा. हालांकि ये उपलब्धि सिर्फ़ रिकॉर्ड बनाने के लिए नहीं है, बल्कि वैदिक मंत्रोच्चार के जरिए प्रत्येक मनुष्य के हृदय में शांति और एकता की भावना को जगाना भी हमारा परम लक्ष्य है.