नई दिल्ली: दिल्ली में 15 फरवरी की रात हुई भगदड़ के बाद प्रशासन अलर्ट हो गया है. हादसे से सबक लेते हुए सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स यानी (CRPF) और दिल्ली पुलिस की रेलवे स्टेशन पर तैनाती की गई है. महाकुंभ जाने वाली बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रसासन ने ये फैसला लिया है. वहीं रेलवे स्टेशन पर लगातार बढ़ती हुई भीड़ को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने 26 फरवरी तक प्लेटफॉर्म टिकट की बिक्री पर भी रोक लगा दी है.
दिल्ली के 15 जिलों के रेलवे स्टेशन पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए CRPF के 15 कमांडेंट स्तर के अधिकारी और पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं. ये सभी कमांडेंट 15 जिलों में दिल्ली पुलिस के साथ संपर्क में रहेंगे. वहीं, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लोगों की लगातार उमड़ती भीड़ को देखते हुए रेवले प्रशासन की ओर से प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री बंद कर दी गई है. साथ ही टिकट काउंटरों पर नोटिस पर चस्पा कर दिया गया है. रेलवे प्रशासन की ओऱ से भविष्य में रेलवे स्टेशनों पर भीड़ और भगदड़ जैसी घटनाएं न हों इससे बचने के लिए देश के 60 बड़े रेलवे स्टेशनों पर होल्डिंग एरिया बनाने की योजना बनाई है.
बता दें कि शनिवार की रात 9:30 बजे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मच गई थी. प्रशासन की ओर से भगदड़ में 18 लोगों की मौत होने की बात कही गई थी. इसके अलावा करीब 25 लोगों के घायल होने की बात भी सामने आई थी. इसके बाद रेलवे प्रशासन की ओऱ से ये फैसला लिया गया है. पुलिस का कहना है कि प्रयागराज से शुरू होने वाले एक ही नाम वाली ट्रेनों की घोषणा के कारण लोगों में भ्रम पैदा हो गया था. इससे लोग बिना कोई सटीक जानकारी के इधर से उधर भागने लगे थे.
जानकारी के मुताबिक भगदड़ की घटना से पहले एक घंटे में करीब 2,600 जनरल टिकट बिक गए थे. उस समय रेलवे प्रशासन को स्टेशन पर भगदड़ जैसी स्थिति का कोई अंदाजा नहीं था. लेकिन इसी दौरान स्टेशन पर हालात बेकाबू हो गए और सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे जवानों की मुश्किलें बढ़ती चली गईं. फिलहाल भारतीय रेल प्रशासन की ओर से मृतकों के परिजनों को मुआवजे के रूप में 10 लाख रुपए और गंभीर रूप से घायल लोगों को 2.5 लाख रुपए देने का ऐलान किया है. इसके अलावा जिन लोगों को मामूली चोटें आई हैं, उन्हें 1 लाख रुपए मुआवजे के रूप में देने की घोषणा की गई है.