प्रयागराज: महाकुंभ में करीब 14 शिशुओं का जन्म हुआ है. पिछले एक महीने में 8 बेटे और 6 बेटियों ने जन्म लिया है. सभी नौजात बच्चों का जन्म साधारण प्रसव से हुआ है. ये सभी प्रसूताएं अपनी प्रेग्नेंसी के अंतिम दिनों में महाकुंभ में स्नान करने आई थीं. बच्चों के जन्म के बाद माता-पिता ने सभी नौजात शिशुओं का नामकरण धार्मिक नामों पर किया हैं.
बता दें कि महाकुंभ आने वाली सभी गर्भवती महिलाओं को प्रसव कराने के लिए महाकुंभ मेले के सेक्टर-2 में बनाए गए 100 बिस्तर के सेंट्रल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. यहां पर स्वास्थ्य से संबंधित हर तरह की हाईटेक व्यवस्थाएं की गई हैं. महाकुंभ में 14 शिशुओं का जन्म हुआ है औऱ इन सभी बच्चों के नाम धार्मिक नामों पर रखे गए हैं. माता-पिता ने इन बच्चों के नाम गंगा, यमुना, कुंभ, अमृत, कृष्णा, सरस्वती, बसंत, नंदी, बजरंगी औऱ बसंती के अलावा अन्य धार्मिक नाम रखे गए हैं.
प्रय़ागराज में पहला बच्चा 29 दिसंबर 2024 को जन्मा. माता-पिता ने अपने बेटे नाम कुंभ रखा. वहीं, दूसरा जन्म बेटी के रूप में हुआ. उसका जन्म गंगा रखा गया. जानकारी के मुताबिक अब तक 16 शिशुओं का जन्म हो चुका है. इनमें से 14 नौजात बच्चों का जन्म पिछले एक महीने के भीतर हुआ है. इसी एक महीने में साधु-संतों और आम लोगों का संगम के तट पर कल्पवास भी होता है. ये कल्पवास पौष पूर्णिमा से शुरू होता है और माघी पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है. साथ ही इसी एक महीने में संगम स्नान का विशेष महत्व भी है.
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वहीं, महाकुंभ केंद्रीय अस्पताल के CMO डॉ. मनोज कौशिक ने जानकारी देते हुए बताया कि महाकुंभ में शिशुओं को जन्म देने वाली महिलाएं और उनके बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं. सभी प्रसूताओं ने सामान्य तरीके से बच्चे को जन्म दिया है. शिशुओं के जन्म के तीसरे दिन ही सभी जच्चा-बच्चा को घर भेज दिया गया है. उन्होंने बताया कि सभी माता-पिता ने अपने खास संयोग की वजह से अपने बच्चों के नाम धार्मिक रखे हैं, लेकिन सभी के परिजनों से नौजातों के दूसरा नामकरण करने की भी सलाह दी गई है.