वाराणसी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज वाराणसी के दौरे पर पहंचे. उसके बाद उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ मिलकर काशी-तमिल संगमम के तीसरे सत्र का शुभारंभ किया. काशी-तमिल संगमम 3.0 का आयोजन 15 फरवरी से 28 फरवरी तक चलेगा. इस विशेष आयोजन में उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत संयोग देखने को मिलेगा. कार्यक्रम में दक्षिण भारत के कई मेहमान भी शामिल हुए.
वाराणसी के जिलाधिकारी S राजलिंगम ने जानकारी देते हुए बताया कि सीएम योगी ने नमो घाट पर काशी-तमिल संगममम के आयोजन का शुभारंभ किया. इस बार के कार्यक्रम का थीम ऋषि अगस्त्य और महाकुंभ है. कार्यक्रम में छात्र, शिक्षक व लेखक, किसान, कारीगर, पेशेवर और उद्यमी शामिल होंगे. साथ ही स्वयं सहायता समूह, मुद्रा ऋण लाभार्थी, स्टार्ट-अप, इनोवेशन और शिक्षा तकनीक समेत अनुसंधान और समूह केंद्रीय विश्वविद्यालयों के छात्र भी णामिल होंगे. उन्होंने कहा कि ने कार्यक्रम में शामिल होने वाले उत्तर और दक्षिण भात के लोग दोनों राज्यों की सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को प्रगाढ़ बनाने में सेतु का काम करेंगे.
उन्होंने कहा कि दक्षिण से आने वाले लोगों को उत्तर भारत की संस्कृति और वाराणसी के बारे में भी पता चलेगा. कहा कि काशी तमिल-संगमम में इस बार एकेडमिक सेशन पर जोर दिया जा रहा है. ऐसे में इस आयोजन में IIT बीएचयू और IIT मद्रास के छात्र भी हिस्सा लेने आ रहे हैं. इसके अलावा कार्यक्रम में नॉर्थ और साउथ की कई सांस्कृतिक कलाकृतियों और हस्त कलाओं से जुड़े स्टॉल भी देखने को मिलेंगे. डीएम ने बताया कि दक्षिण भारत से 100 से ज्यादा कलाकार काशी-तमिल संगमम में शामिल होंगे. ये रोज शाम को नमो घाट पर सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुत करेंगे. इसके अलावा कार्यक्रम के दौरान कई तरह की प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएंगी.
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बता दें कि काशी-तमिल संगमम के तहत BHU के ओंकारनाथ ठाकुर सभागार में एकेडमिक सत्र में तमिलनाडु से आए समूहों का काशी के संबंधित वर्गों के साथ संवाद होगा. सभी मेहमानों को जिले के सभी धार्मिक स्थल, मठ-मंदिर और पवित्र घाटों को दिखाया जाएगा. साथ ही मेहमानों को गंगा में स्नान कराने के बाद अयोध्या में श्रीराम लला के दर्शन-पूजन के लिए भी ले जाया जाएगा. वहां से लौटने के बाद सभी को वाराणसी रेलवे स्टेशन से तमिलनाडु के लिए विदा कर दिया जाएगा.