अमेरिका के विदेश मंत्रालय में अधिकारी रहे माइक बेंज ने बाइडन सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि अमेरिका ने भारत में हुए लोकसभा चुनावों को प्रभावित करने के लिए फंडिंग की थी. साथ ही सोशल मीडिया कंपनियों (वॉट्सऐप, फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम, यूट्यूब) आदि पर मोदी समर्थक कंटेंट को रोकने व मोदी विरोधी कंटेंट को अधिक प्रसारित करने का दबाव बनाया था. माइक बेंज ने बताया कि वॉट्सऐप की मैसेज फॉरवर्डिंग सीमा कम करना इसी रणनीति का हिस्सा था.
माइक बेंज ने यह भी दावा किया कि भारत में लोकसभा चुनावों को प्रभावित करने के लिए अमेरिका ने मीडिया प्रभाव, सोशल मीडिया सेंसरशिप व विपक्षी आंदोलनों को फंडिंग की थी. उन्होंने बताया कि चुनावों को प्रभावित करने की जिम्मेदारी अमेरिका समर्थित एजेंसियों को दी गई थी. बेंच ने कहा कि अमेरिका ने भारत की मोदी सरकार के खिलाफ नहीं, बल्कि बांग्लादेश व अन्य देशों की राजनीति को प्रभावित करने का षडयंत्र रचा.
बेंच ने दावा किया कि पूर्व की बाइडन सरकार ने बांग्लादेश की राजनीति में भी हस्तक्षेप किया. जिसके चलते शेख हसीना सरकार अस्थिर हुई. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने फंडिंग कर बांग्लेदश में सांस्कृतिक तनावों को बढ़ाया, साथ ही संगीत के माध्यम से सरकार विरोधी भावनाओं को उपजाया, जिसके चलते आंदोलन ने तेजी पकड़ी और चुनी हुई प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा.
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लगाए थे आरोप
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने भी लोकसभा में चर्चा के दौरान, अमेरिका पर चुनावी फंडिंग करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि अमेरिकी संस्था USAID ने भारत को विभाजित करने व मोदी को हराने के लिए कई संस्थाओं को फंड दिया.
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कौन हैं माइक बेंज?
माइक बेंज अमेरिकी विदेश विभाग में अधिकारी रहे हैं. उन्होंने 2020 से 2021 तक अंतर्राष्ट्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी के लिए उप सहायक सचिव के रूप में काम किया. उन्होंने साइबर सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर अमेरिकी नीति बनाने के साथ-साथ बड़ी टेक कंपनियों के साथ काम किया. माइक बेंज सरकारी सेवा में आने से पहले व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (2016-20) के लिए भाषण लिखते थे. साथ ही वह प्रौद्योगिकी से जुड़ी सलाह भी ट्रंप को देते थे.