नई दिल्ली: जनवरी मेंं खाद्य वस्तुओं के थोक मूल्यों में 2.31 प्रतिशत तक की गिरावट आई है. इससे खाना-पान की वस्तुओं के दाम में कमी आने से महंगाई घटी है. पिछले साल दिसंबर के महीने में ये दर 2.37 प्रतिशत तक थी. वर्तमान में रोजमर्रा वाली वस्तुओं की कीमतें कम होकर अब 4.69 प्रतिशत तक हो गई हैं. इसके पहले महंगाई दर 6.2 प्रतिशत थी.
बता दें कि जनवरी के महीने में खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी आई है. बात करें अगर बीते साल दिसंबर महीने की तो दिसंबर में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 8.89 प्रतिशत थी, जो कि जनवरी 2025 में कम होकर 7.47 प्रतिशत हो गई है. ज्यादातर सब्जियों की कीमतों में भारी कमी देखने को मिली है. सब्जियों के दाम दिसंबर के महीने में जहां 28.65 प्रतिशत तक थे, वहीं अब घटकर 8.35 प्रतिशत हो तक हो गए हैं, लेकिन दालों की कीमतों में बढ़त देखने को मिली है.दालों के दाम दिसंबर में जहां, 5.2 प्रतिशत थे. वहीं, अब बढ़कर 5.8 प्रतिशत तक हो गए हैं. दूध की कीमतों में भी 2.69 प्रतिशत तक का उछाल आया है.
वहीं, जनवरी के महीने में फ्यूल और बिजली के होल सेल रेट में भी कमी दर्ज की गई है. ये कमी 3.79 प्रतिशत से घटकर 2.78 प्रतिशत पर पहुंच गई है, लेकिन मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स की थोक कीमतें 2.14 प्रतिशत से बढ़कर 2.51 प्रतिशत हो गई है. दरअसल थोक महंगाई को 3 भागों में विभाजित किया जाता है. प्राइमरी आर्टिकल, फ्यूल एंड पावर, और मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट. इसी के तहत महंगाई दर निर्धारित की जाती है.
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अपने देश में 2 तरह की महंगाई होती है. एक रिटेल अर्थात खुदरा और दूसरी थोक महंगाई. रिटेल महंगाई दर उसे कहते हैं जिस दर पर आम जनता वस्तुएं खरीदती है. वहीं, थोक रेट वो होता है, जिस दर पर कारोबारी थोक बाजार से वस्तुएं खरीदता है. महंगाई की दर को मापने के लिए विभिन्न वस्तुओं को शामिल किया जाता है. इसके बाद इनके थोक रेट और रिटेल के दामों में अंतर देखा जाता है.