प्रयागराज: ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर पद फिर से स्वीकार कर लिया है. उन्होंने 10 फरवरी को महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा देते हुए कहा था कि उनकी वजह से किन्नर अखाड़े में लोगों को काफी परेशानी हो रही है. इससे दु:खी हूं. वहीं, किन्नर जगतगुरू हिमांगी सखी ने ममता कुलकर्णी के मामले में आचार्य लक्ष्मी नारायण को लेकर कई कई गंभीर बातें कही हैं.
उन्होंने ममता कुलकर्णी के दोबारा मंडलेश्वर बनने को लेकर कहा कि महामंडलेश्वर का पद सनातन धर्म के लिए बड़ी पदवी है, लेकिन इसका मजाक बना दिया गया है. अगर कोई कहता है कि उसे दिखावे की जिंदगी से परहेज है तो उसे इस पदवी की लालसा नहीं होनी चाहिए. दरअसल, 24 जनवरी को आचार्य लक्ष्मी नारायण ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाया था. किन्नर अखाड़े में इसको लेकर काफी विवाद हुआ था, जिसके बाद ममता कुलकर्णी ने 10 फरवरी को महामंडलेश्वर पद छोड़ने का ऐलान किया था.
वहीं, ममता कुलकर्णी 13 फरवरी को किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर फिर से बन गई हैं. उन्होंने अपना एक वीडियो जारी कर कहा कि उनकी गुरु डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है. उधर, किन्नर अखाड़े की जगद्गुरु हिमांगी सखी पर जानलेवा हमला किया गया था. इस हमले उनको काफी गंभीर चोटें आई थीं. तब उन्होंने आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और उन कुछ सहयोगियों पर अपने ऊपर हुए हमले का आरोप लगाया था. वहीं, उन्होंने कहा कि अभी वो थोड़ा स्वस्थ महसूस कर रही हैं.
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वहीं अपने ऊपर हुए हमले को लेकर हिमांगी सखी ने कहा कि उनके पास आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के खिलाफ सबूत हैं. ऐसे में वो उनके खिलाफ FIR जरूर करेंगी. उन्होंने कहा कि जब मामले की निष्पक्ष और गहनता से जांच होगी तो सब सामने आ जाएगा. वहीं, उन्होंने लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी कहा कि 9 साल पहले उन्होंने अखाड़ा बनाया था, लेकिन उन्होंने आज तक अखाड़े के लोगों को धर्म के बारे में नहीं सिखा सकीं. कहा कि अगर मैं होती तो सभी को धर्म शास्त्र का ज्ञान कब का सिखा देती.