प्रयागराज: महाकुंभ में बीती 29 जनवरी को मची भगदड़ में कई लोग लापता हो गए थे. लापता लोगों का विवरण एकत्रित करने के लिए, एक न्यायिक समिति के गठन को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरूण भंसाली एवं जस्टिस क्षितिज शैलेन्द्र की खंडपीठ ने इस मामले पर आज गुरुवार को सुनवाई की. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को घटना से संबंधित तथ्य रिकॉर्ड पर लाने को कहा है. कोर्ट इस याचिका पर अगली सुनवाई 19 फरवरी को करेगी.
याचिका पर अधिवक्ता का कहना है कि…
सुरेश चंद्र पांडेय की ओर से दाखिल जनहित याचिका में भगदड़ में कई लोगों की मौत और घायल होने के मामले में न्यायिक निगरानी समिति गठित करने की मांग की गई है. याचिका पर अधिवक्ता का कहना था कि सरकार द्वारा गठित जांच आयोग के जांच का दायरा सीमित है. आयोग के जांच के दायरे में लापता लोगों का पता लगाने तथा घटना में कितने लोगों की मृत्यु हुई शामिल नहीं है.
लोग समिति को दे सकें जानकारी
याचिका में यह भी मांग की गई है कि जांच समिति की जानकारी प्रमुख और क्षेत्रीय समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित कराने का निर्देश दिया जाए. ताकि, लोग समिति को जानकारी दे सकें. साथ ही मांग की गई है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी महाकुंभ और मुख्य चिकित्साधिकारी प्रयागराज को पोस्टमार्टम हाउस में घायलों के प्रवेश व लाशों के निस्तारण का रिकॉर्ड प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाए.
जनहित याचिका के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में महाकुंभ भगदड़ के लिए उत्तर प्रदेश राज्य के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग में जनहित याचिका दाखिल की गई थी. सर्वोच्च न्यायालय ने याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था. साथ ही घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए हाईकोर्ट जाने को कहा था.
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गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 29 जनवरी को भगदड़ की जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर न्यायमूर्ति हर्ष कुमार की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग का गठन किया है. आयोग ने घटना के संबंध में जानकारी देने के लिए लोगों को आमंत्रित किया है.
इनपुट: हिन्दुस्थान समाचार