नई दिल्ली: सोने की कीमतें में जैसे-जैसे बढ़ोत्तरी हो रही है. वैसे-वैसे इसमें निवेश भी बढ़ता जा रहा है. भारत में जनवरी के महीने में गोल्ड ETF में करीब 2,950 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है. वहीं, पिछले साल अक्टूबर के महीने में लगभग 1,962 करोड़ रुपए का निवेश किया गया था.
जानकारों का कहना है कि अगर आप सोने में निवेश का मन बना रहे हैं, तो गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश एक अच्छा विकल्प हो सकता है. एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ETF ने बीते 1 साल में करीब 35% तक का रिटर्न दिया है. एक्सपर्ट ने बताया कि गोल्ड ETF को शेयर की तरह ही BSE और NSE पर इसको खरीदा और बेचा जा सकता है. फिलहाल इस खरीद-बिक्री सोना नहीं मिलता है, लेकिन जब चाहे इससे उस समय के सोने की कीमतों के बराबर ही पैसा निकाला जा सकता है.
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गोल्ड ETF के दाम एक समान और पारदर्शी होते हैं. ऐसे में गोल्ड ETF को बिना किसी परेशानी के तुरंत खरीदा और बेचा जा सकता है. लोन लेने के लिए गोल्ड ETF को सिक्योरिटी के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है. गोल्ड ETF के द्वारा खरीदे गए सोने की शुद्धता लगभग 99.5% तक की बताई जाती है. आम जनता जो सोना खरीदती है उस सोने के भाव इसी शुद्धता पर ही आधारित होती है.
वहीं जानकारों का ये भी कहना है कि सोने में सीमित समय तक निवेश करना ही फायदेमंद होता है. भले ही आपको सोने में निवेश करना काफी पसंद हो, लेकिन तब भी सोने में एक निश्चित समय तक ही निवेश करना चाहिए. एक्सपर्ट ने बताया कि पोर्टफोलियो का कुल 10 से 15% ही सोने में निवेश करना चाहिए. हालांकि सोने में निवेश करना किसी गंभीर संकट के दौरान आपको फायदा दे सकता है. लेकिन लंबे समय तक सोने में निवेश करने का मतलब रिटर्न में कमी आ सकती है.