नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में साइकिल ट्रैक बनाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया है. कोर्ट ने इस याचिका को अव्यवहारिक बताते हुए कहा कि देश में प्राथमिकताएं कुछ और हैं और ऐसे समय में जब लोग खुद को रहने के लिए घर नहीं पा रहे हैं, तो साइकिल ट्रैक का सपना देखना सही नहीं है.
सरकारें आवास और स्वास्थ्य सेवाओं में ही संघर्ष कर रही – सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने याचिकाकर्ता को नसीहत देते हुए कहा कि देश में कई जरूरी मुद्दे हैं जिन पर ध्यान दिया जाना चाहिए, जैसे गरीबों को घर उपलब्ध कराना, साफ पानी की उपलब्धता और स्वास्थ्य व शिक्षा सेवाएं आदि. कोर्ट ने कहा कि जब सरकारें बुनियादी सुविधाओं जैसे आवास और स्वास्थ्य सेवाओं में ही संघर्ष कर रही हैं, तो साइकिल ट्रैक बनाने की मांग पूरी करना असंभव है.
सरकारी पैसे का प्रयोग गरीबों के लिए होना प्राथमिकता
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से ये भी पूछा कि क्या सरकारी पैसे का प्रयोग गरीबों के लिए घर बनाने, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं पर होना चाहिए या फिर साइकिल ट्रैक बनाने के लिए ? कोर्ट ने कहा कि भारत की परिस्थिति और नीदरलैंड जैसी यूरोपीय देशों की स्थिति में भिन्नता है, वहाँ साइकिल ट्रैक बनाना एक सामान्य बात है, लेकिन भारत में यह सब प्राथमिकताओं के मामले में पीछे रह जाता है. इन टिप्पणियों के साथ सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि इस तरह की व्यापक मांगों पर राहत देना व्यवहारिक नहीं है.