तिरुपति मंदिर में लड्डू प्रसादम् बनाने वाले घी में जानवरों की चर्बी मिलाए जाने के आरोपों के बाद, 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. मामले की जांच कर रही एसआईटी ने रविवार को जिन चार लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें भोले बाबा डेयरी के पूर्व निदेशक बिपिन जैन, पोमिल जैन, वैष्णवी डेयरी के सीईओ अपूर्व विनयकांत चावड़ा और एआर डेयरी के एमडी राजू राजशेखरन का नाम शामिल है. कानूनी प्रक्रिया के तहत चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर सीबीआई की विशेष टीम ने आज सोमवार को कोर्ट में पेश किया. जिसके बाद सभी को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
सीबीआई की जांच में यह जानकारी सामने आई है कि वैष्णवी डेयरी ने टेंडर प्राप्त करने के लिए एआर डेयरी के नाम का उपयोग किया था. इसके लिए फर्जी दस्तावेज और मुहरें तैयार की गईं थीं. साथ ही वैष्णवी डेयरी ने दावा किया था कि उसने रुड़की स्थित भोले बाबा डेयरी से घी खरीदा है. हालांकि जांच में यह सामने आया है कि उसके पास आपूर्ति करने की क्षमता नहीं थी.
बता दें कि लड्डू प्रसादम् में मिलावट मामले को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जांत के आदेश दिए थे. शीर्ष अदालत ने पिछले साल 4 अक्टूबर को पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया था. जिसमें सीबीआई, आंध्र प्रदेश पुलिस और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के अधिकारियों को शामिल किया गया था. इस समिति की निगरानी सीबीआई निदेशक द्वारा की जा रही है.
प्रतिदिन 15,000 किलो घी की खपत
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के लड्डू बनाने के लिए प्रतिदिन 15,000 किलो गाय के घी की आवश्यकता होती है. तब की वाईएसआर कांग्रेस सरकार ने घी के आपूर्ति की जिम्मेदारी तमिलनाडु की एआर फूड्स को दी थी. जिसने 320 रुपये प्रति किलो के हिसाब से घी आपूर्ति का टेंडर लिया था. जिसके बाद 8 जुलाई को आठ टैंकर घी के आए थे, जिनमें से चार को जांच के लिए भेजा गया था. 17 जुलाई को लैब रिपोर्ट में घी में अशुद्ध तत्वों की मौजूदगी की पुष्टि हुई थी.
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पूर्व में आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने प्रेस वार्ता कर पूर्ववर्ती सरकार पर प्रसाद में मिलावट को लेकर जबरदस्त हमला बोला था. उन्होंने पूर्व सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे.
तिरुपति मंदिर में कार्यरत गैर-हिंदू कर्मचारियों को हटाने का आदेश
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम् (टीटीडी) अध्यक्ष बीआर नायडू ने बीते दिनों तिरुपति मंदिर में कार्यरत 18 गैर हिंदू को आदेश की बात कही थी. उन्होंने इन कर्मचारियों के सामने स्थानांतरण और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के दो विकल्प सामने रखे थे.