महाकुंभ नगर: महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा है और अब तक 43 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं. 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ मेला अब अंतिम दौर में की बढ़ रहा है जिस कारण श्रद्धालु बड़ी संख्या में स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं. इस विशाल आयोजन के दौरान 8 फरवरी शनिवार को एकादशी के अवसर पर शाम तक 1.32 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु स्नान करने पहुंचे थे. वहीं, 9 फरवरी, रविवार शाम आठ बजे तक 1.57 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया.
महाकुंभ के इस संस्करण को खास माना जा रहा है क्योंकि यह 144 साल बाद एक ऐसा संयोग लेकर आया है, जिससे इसमें श्रद्धालुओं की संख्या पहले के किसी भी कुंभ से कहीं अधिक है और आँकड़े निर्धारित अनुमान के ऊपर पहुँच गए हैं. इसके अलावा, इस महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या की गणना के लिए विशेष तकनीकी उपायों का सहारा लिया जा रहा है, जो इसे पहले से कहीं अधिक सटीक बना रहे हैं.
AI आधारित कैमरों से हो रही गणना
इस बार महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या की गणना के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने हाईटेक उपकरणों का उपयोग किया है. खासकर, AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित कैमरों का सहारा लिया जा रहा है, जो हर श्रद्धालु की गिनती कर रहे हैं. इन कैमरों में 360 डिग्री क्षमता वाले 1800 कैमरे पूरे मेला क्षेत्र में लगे हुए हैं. इनमें से 1100 फिक्स्ड कैमरे और 744 अस्थाई कैमरे हैं, जो श्रद्धालुओं के चेहरों की स्कैनिंग करते हैं और गणना के लिए उन्हें रियल-टाइम आधार पर ट्रैक करते हैं.
यही नहीं शहर के अंदर भी 268 जगह पर अस्थाई AI बेस्ड CCTV कैमरे लगाए गए हैं और 100 से ज्यादा पार्किंग स्थलों पर भी 700 से ज्यादा CCTV लगाए गए हैं ICC पुलिस लाइन नियंत्रण कक्ष के अलावा झूसी और अरेल क्षेत्र में भी ऑब्जर्वेशन सेंटर्स बनाए गए हैं जहां श्रद्धालुओं की निगरानी की जा रही है. रिपोर्ट की माने तो श्रद्धालुओं की गिनती के लिए AI लैस कैमरे हर मिनट में डाटा अपडेट करते रहते हैं. इनका सबसे ज्यादा ध्यान घाटों पर आने वाले श्रद्धालुओं पर है.
ड्रोन कैमरों की मदद से भीड़ के घनत्व की माप, विशेष ऐप का भी उपयोग
साथ ही, ड्रोन कैमरों की मदद से भीड़ के घनत्व का माप लिया जा रहा है. इन ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल यह जानने के लिए किया जा रहा है कि किस क्षेत्र में कितने लोग हैं और उस क्षेत्र में भीड़ की स्थिति क्या है. इसके अलावा, एक विशेष ऐप का भी उपयोग किया जा रहा है, जिसके माध्यम से लोगों के मोबाइल फोन के औसत आंकड़ों से भी उनकी गिनती की जा रही है. इन आंकड़ों को ‘क्राउड असेसमेंट टीम’ को भेजा जा रहा है, जो इनकी गणना कर फाइनल आंकड़े प्रस्तुत कर रही है. पहले के कुंभों में आंकड़े जमा करने के पारंपरिक तरीके जैसे कि ट्रेन, बस और नावों के आधार पर श्रद्धालुओं की गिनती होती थी, लेकिन अब तकनीकी उपायों के साथ इन आंकड़ों को और अधिक सटीक रूप से जुटाया जा रहा है.
हालांकि, महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में एकदम सटीक आंकड़े जुटाना लगभग असंभव है, लेकिन इन सभी आधुनिक उपकरणों का उपयोग करके अधिक सटीक आंकड़े जुटाए जा रहे हैं. यही कारण है कि अब महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की गिनती और उनकी संख्या का अनुमान पहले के मुकाबले काफी बेहतर हो चुका है.
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