नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के संभल में बिना नोटिस के बुलडोजर एक्शन पर दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करने से इनकार दिया है. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच ने याचिकाकर्ता को इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने की सलाह दी है.
संभल के निवासी याचिकाकर्ता मोहम्मद घयूर ने याचिका में कहा कि 10 और 11 जनवरी के बीच उनकी संपत्ति को बिना किसी नोटिस के ध्वस्त कर दिया गया. याचिका में आरोप लगाया गया कि यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है, क्योंकि बिना कानूनी प्रक्रिया के उनकी संपत्ति को तोड़ा गया.
इससे पहले, 13 नवंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिसमें कहा गया था कि यदि किसी आरोपी या दोषी का घर बिना कानूनी प्रक्रिया के ध्वस्त किया जाता है, तो उसका परिवार मुआवजे का हकदार होगा. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि कार्यपालिका को न्यायपालिका की भूमिका नहीं निभानी चाहिए और किसी व्यक्ति के घर को ध्वस्त क रने का निर्णय न्यायपालिका को ही लेना चाहिए.
ये भी पढ़ें: बुरे फसे सोनू सूद, कोर्ट ने मुंबई पुलिस को दिया गिरफ्तार कर पेश करने का आदेश, धोखाधड़ी से जुड़ा है मामला!