महाकुंभ नगर; प्रयागराज महाकुंभ में श्रद्धा, समर्पण की रसधार बह रही है. महाकुंभ में इस बार सर्वाधिक संख्या में देश के युवा वर्ग की भागीदारी रही है. ऐसी भागीदारी इस से पहले कभी नहीं देखी गई. यह बात आज गुरुवार को श्रीशंभू पंचअग्नि अखाड़ा के महामंडलेश्वर संपूर्णानंद महाराज ने कही.
सात फरवरी से यहां अखाड़ों की रवानगी शुरू हो जाएगी
उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति के सबसे बड़े समागम प्रयागराज महाकुंभ में बसंत पंचमी का अमृत स्नान पूर्ण होने के बाद अब धीरे-धीरे यह आयोजन अपने समापन की ओर बढ़ रहा है. सात फरवरी को यहां से अखाड़ों की रवानगी शुरू हो जाएगी. ऐसे में प्रश्न उठ रहा है कि आखिर इस महाकुंभ की सबसे बड़ी उपलब्धि क्या रही.
जिस तरह समुद्र मंथन के बाद देवताओं को बहुत सारी चीजें प्राप्त हुई थीं, उसी तरह क्या इस महाकुंभ से भी कुछ प्राप्त हुआ है. सनातन के प्रति आज के युवाओं में आस्था तेजी से बढ़ रही है. इसका श्रेय पीएम मोदी और सीएम योगी दोनों को जाता है, जिन्होंने विगत कुछ वर्षों में सनातन संस्कृति के पुनर्जागरण के लिए काफी काम किया है.
सनातन और आध्यात्म को सर्च कर रहे युवा
संपूर्णानंद महाराज के अनुसार, विगत कुछ वर्षों में भारत में जो सांस्कृतिक पुनर्जागरण हुआ है. उससे युवाओं में सनातन संस्कृति को समझने और उसे आत्मसात करने की प्रेरणा मिली है. बड़ी संख्या में युवा महाकुंभ में सत्संग, कीर्तन का हिस्सा बन रहे हैं. महाकुंभ में चल रहीं राम कथा, भागवत समेत तमाम प्रवचनों में जाकर सनातन के विचारों और आध्यात्म को जानने का प्रयास कर रहे हैं.18 से 30 वर्ष के तमाम युवा हमारे पास अपनी संस्कृति को समझने, उसका उद्देश्य जानने के लिए आ रहे हैं.
एक हो रही जनभावना, आध्यात्म से हो रहा जुड़ाव
उन्होंने कहा कि यह महाकुंभ सिर्फ युवाओं के लिए नहीं बल्कि हर वर्ग के लिए हितकारी साबित हो रहा है. लोगों की जनभावनाएं एक हो रही हैं. भारत पहले जैसा हो रहा है. लोग आध्यात्म के रंग में सराबोर हो रहे हैं. कोई ऊंच नीच नहीं, कोई भेदभाव नहीं. साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस महाकुंभ को एकता का महाकुंभ बताया है.
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इनपुट: हिन्दुस्थान समाचार