ढाका: बांग्लादेश की राजधानी ढाका में बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान के आवास पर प्रदर्शनकारियों ने कल शाम से देर रात तक जमकर तोड़फोड़ की. न केवल भवन को नुकसान पहुंचाया गया, बल्कि प्रदर्शनकारियों ने इसे आग के हवाले कर दिया. इस दौरान हिंसक प्रदर्शनकारियों ने अवामी लीग पर बैन लगाने की मांग को लेकर शेख मुजीबुर्रहमान के स्मारक को तोड़ दिया. शेख मुजीबुर्रहमान के स्मारक के साथ-साथ, शेख हसीना के पति के घर पर भी हमला किया गया. इस घटना के दौरान, देश की अंतरिम सरकार और पुलिस मूकदर्शक बने रहे. प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो धानमंडी इलाके में हजारों लोग एकत्र हो गए थे.
शेख हसीना के ऑनलाइन संबोधन के दौरान हुआ प्रदर्शन
बांग्लादेश के प्रमुख समाचार पत्र ‘द डेली स्टार’ के अनुसार, यह घटनाक्रम शेख हसीना के ऑनलाइन संबोधन के दौरान हुआ. प्रदर्शनकारियों ने शेख मुजीबुर्रहमान के आवास को फासीवाद का प्रतीक मानते हुए इसे ध्वस्त करने का आह्वान किया. इस विरोध को ‘बुलडोजर जुलूस’ नाम दिया गया. शेख हसीना का संबोधन रात नौ बजे होने वाला था, लेकिन उससे पहले ही प्रदर्शनकारियों ने शेख मुजीबुर्रहमान के आवास पर हमला कर दिया. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने फावड़े और हथौड़े से तोड़फोड़ की, और बाद में इमारत में आग लगा दी.
आवामी लीग का युनूस सरकार पर हमला
मुजीबुर्रहमान के आवास पर हुए हमले के बाद शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग ने युनूस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. पार्टी ने दावा किया कि युनूस सरकार ने बांग्लादेश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को खतरे में डाल दिया है और राज्य की मशीनरी का दुरुपयोग किया है. आवामी लीग ने युनूस सरकार को अलोकतांत्रिक बताते हुए कहा कि विदेशी षड़यंत्रों की मदद से लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को उखाड़ फेंका गया और खुद को सत्ता पर थोप लिया गया.
जन आंदोलन की चेतावनी
आवामी लीग ने जनता को इस दमन से मुक्ति दिलाने और लोकतांत्रिक मूल्यों की पुनर्स्थापना के लिए आंदोलन की योजना बनाई है. शेख हसीना की आवामी लीग पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि राजनीतिक कैदियों को रिहा नहीं किया गया, तो वे एक विशाल जन आंदोलन चला कर युनूस सरकार को सत्ता से गिरा देंगे.