गोंडा; उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले से एक हैरान करने वाला ठगी का मामला सामने आया है. यहां साइबर अपराधियों ने किसी आम व्यक्ति को नहीं बल्कि एक डिप्टी डायरेक्टर को अपना शिकार बना लिया. अधिकारी को एक दो नहीं बल्कि, पूरे 17 दिनों डिजिटल अरेस्ट कर रखा था. इस दौरान उनसे 78 लाख 80 हजार रुपए की ठगी कर ली गई है. वहीं, आरोपियों ने संपत्ती जांच का डर दिखाकर इस ठगी को अंजाम दिया है. वहीं, गोंडा साइबर क्राइम थाने ने शिकायत दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.
15 जनवरी से दो फरवरी तक रखा डिजिटल अरेस्ट
पीड़िता रेशम विभाग के डिप्टी डायरेक्टर ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि बीते माह 15 जनवरी की सुबह मुझे एक फोन आया और कहा गया कि आपके पर्सनल आधार कार्ड से एक एयरटेल की सिम ली गई है. यह सिम दिल्ली से ली गई है. फोन करने वाले युवक ने बताया कि मैं अरविंद बोल रहा हूं. युवक ने बताया कि आपके नंबर से कई गैरकानूनी काम हुए हैं. साथ ही उसने कहा कि आपके नंबर उपयोग कर के लोगों से पैसे मांगने, धमकी देने और एमएमएस बनाकर ब्लैकमेल करने का गैरकानूनी काम किया गया है.
मनी लॉन्ड्रिंग का लगाया था आरोप
जिसके बाद गोंडा के अधिकारी की कथित तौर पर एक IPS अधिकारी से बात कराई गई. फर्जी आईपीएस ने धमकी देते हुए बताया कि एचडीएफसी बैंक में अशोक गुप्ता के अकाउंट में 68 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग की गई हैं. तुमने लेन-देन की कमीशन ली है. साथ ही अकाउंट बेचने के लिए तुमने अशोक को भी पांच लाख रुपये दिए हैं. इसी कड़ी में उसने बताया कि आपके के खिलाफ 57 अन्य मामले दर्ज हैं. जिसकी जांच आईपीएस राकेश कुमार को सौंपी गई है.
17 दिनों के लिए किया डिजिटल अरेस्ट
इसके बाद गोंडा के अधिकारी को फर्जी आईपीएस अधिकारी ने बताया कि आपको 15 जनवरी से 2 फरवरी तक डिजिटल अरेस्ट किया जा रहा है. साइबर ठगों ने अधिकारी से कहा कि आपको नई दिल्ली आकर अपनी जमानत करानी पड़ेगी. इसी दौरान एक अन्य नंबर से अधिकारी को कॉल आई, जिसमें कहा गया कि जमानत के तौर पर आरबीआई के सस्पेंस अकाउंट में 9 लाख 80 हजार रुपये डाल दो.
78 लाख 80 हजार की ठगी
पीड़ित अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने पैसों के लेनदेन, नौकरी और संपत्ती जांच की धमकी देते हुए 78 लाख 80 हजार आरबीआई के सस्पेंस में डलवा कर ठग लिए. मुझे बोला गया था कि धनराशि का 100 प्रतिशत वेरिफिकेशन कर वापस कर दिया जाएगा. मैंने डर कर दोस्तों, बैंक से कर्ज लेकर व जमीन बेचकर 78 लाख 80 हजार रुपये दिए हैं. पीड़ित ने अपनी शिकायत में बताया कि मैंने अजीत सिंह, बंटी भोंसले डेयरी फार्म, अलीम बिल्डिंग मटेरियल, नदीम अहमद, तसलीम, आरिफ, कबीर हुसैन, मोहम्मद हसन और कौशल सहित कई खाताधारकों के अकाउंट में धनराशि भेजी है.
घटना के बाद मामले में शिकायत दर्ज कर साइबर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी मनोज रावत ने बताया कि संपत्ती सत्यापन के नाम पर डिप्टी डायरेक्टर के साथ लाखों की ठगी हुई है. मामले की जांच के लिए टीम लगाई गई है. मामले में जांच की जा रही है.