लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने 2025-26 के लिए अपनी नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है, जिसमें कोई बड़े बदलाव नहीं किए गए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में यह निर्णय लिया गया. इस नीति के तहत अंग्रेजी शराब और बीयर की दुकानों का लाइसेंस पहले की तरह लॉटरी सिस्टम के माध्यम से जारी किया जाएगा. हालांकि, शराब के दामों में किसी भी प्रकार का बदलाव होने की स्थिति पर अभी कोई स्पष्टता नहीं दी गई है.
बजट सत्र की तिथियां घोषित
कैबिनेट बैठक में यह भी तय किया गया कि उत्तर प्रदेश विधानमंडल का बजट सत्र 18 फरवरी से शुरू होगा. 19 फरवरी को राज्य सरकार वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट प्रस्ताव दोनों सदनों में पेश करेगी.
कैबिनेट में पास हुए 12 प्रस्ताव
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि यूपी कैबिनेट ने कुल 12 प्रस्तावों को मंजूरी दी है. इन प्रस्तावों के माध्यम से सरकार प्रदेश के विकास को गति देने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लेने जा रही है.
आबकारी नीति में कोई बड़ा बदलाव नहीं
यूपी की आबकारी नीति आमतौर पर दिसंबर या जनवरी में मंजूरी दी जाती रही है, लेकिन इस बार महाकुंभ मेला और मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव की आचार संहिता के कारण इसमें देरी हुई. सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि शराब के कारोबारियों के लिए नई नीति में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया जाएगा. शराब की दुकानों के मालिक लंबे समय से लाइसेंस नवीनीकरण की मांग कर रहे थे, और सरकार ने संकेत दिया है कि इस बार भी लॉटरी सिस्टम को ही प्राथमिकता दी जाएगी.
आबकारी विभाग का वित्तीय स्थिति
वित्तीय वर्ष 2024-25 में आबकारी विभाग ने 29 हजार शराब की दुकानों के लाइसेंस जारी किए थे, जिनमें 6700 अंग्रेजी शराब की दुकानें, 16400 देसी शराब की दुकानें और 5900 बीयर शॉप शामिल थीं. विभाग ने जनवरी 2025 में 3356.26 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया, जबकि पिछले वर्ष इसी महीने में 4968.02 करोड़ रुपये मिले थे, जिससे विभाग का राजस्व में 1611.74 करोड़ रुपये की कमी आई है.
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आने वाले फैसलों की जानकारी
कैबिनेट मीटिंग में कुल 12 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है, जिनमें परिवहन, पर्यटन, मेडिकल एजुकेशन, गृह, आबकारी, दुग्ध, आवास, बेसिक शिक्षा और संसदीय कार्य विभाग के प्रस्ताव शामिल हैं.