लखनऊ: योगी सरकार ने इस गणना के लिए एक वेब-बेस्ड मोबाइल एप्लिकेशन विकसित करने के निर्देश दिए हैं, जो वास्तविक समय में डेटा सत्यापन, निगरानी और विश्लेषण की सुविधा प्रदान करेगा. इसके जरिए उद्यमों, स्वरोजगार से जुड़े व्यक्तियों, श्रमिकों और छोटे व्यापारियों के सही आंकड़े जुटाए जाएंगे. इससे नीति निर्माण और योजनाओं में पारदर्शिता आएगी.
गणनाकारों और पर्यवेक्षकों की तैनाती
आठवीं आर्थिक गणना के लिए लगभग 17 हजार गणनाकारों और 6 हजार पर्यवेक्षकों को तैनात किया जाएगा. इस कार्य में स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगार और कौशल विकास का अवसर भी प्रदान किया जाएगा.
महिलाओं को मिलेगा विशेष अवसर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आर्थिक गणना में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए महिला गणनाकारों की नियुक्ति का फैसला लिया है. इसके तहत महिलाओं को डेटा संग्रहण, तकनीकी प्रशिक्षण और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर काम करने की सुविधा मिलेगी, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकेंगी.
छोटे उद्यमियों और व्यापारियों को मिलेगा लाभ
योगी सरकार का यह कदम प्रदेश के छोटे उद्यमियों और व्यापारियों को आर्थिक पहचान दिलाने में मदद करेगा. इस गणना से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एसएसएमई) को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सकेगी और नीति निर्माण के आधार पर उन्हें वित्तीय सहायता, नए बाजारों तक पहुंच, व्यापार प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग मिलेगा.
मल्टी-लेयर मॉनिटरिंग सिस्टम होगा लागू
आर्थिक गणना के लिए मल्टी-लेयर मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार किया जा रहा है, जिसमें जिलाधिकारी, जिला सांख्यिकी अधिकारी और आईटी एक्सपर्ट टीम शामिल होंगे. इस प्रणाली के माध्यम से डाटा की गुणवत्ता और सत्यता सुनिश्चित की जाएगी, जिससे गांवों और शहरों के बीच आर्थिक अंतर को कम किया जा सकेगा.
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आर्थिक नीतियों का समावेशी दृष्टिकोण
इस डिजिटल गणना के जरिए शहरी क्षेत्रों में स्टार्टअप और एमएसएमई को सशक्त किया जाएगा, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे उद्यमों को बढ़ावा मिलेगा. इससे स्थानीय उत्पादन को बल मिलेगा और हर नागरिक को लाभ पहुंचाने के लिए समावेशी नीतियों का निर्माण होगा. योगी सरकार की यह पहल प्रदेश में आर्थिक विकास की नई दिशा तय करने में अहम साबित हो सकती है.