प्रयागराज: ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती इन दिनों सुर्खियों में हैं. वजह है सीएम योगी का इस्तीफा मांगना. इसको लेकर यूपी की राजनीतिक हलचल बढ़ गई है. लेकिन इसी बीच उन्होंने, मीडिया से बात करते हुए यूपी में सपा सरकार के साथ हुई घटना का जिक्र किया है. जिसकी चर्चा तेज हो गई है. शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि जब यूपी में अखिलेश यादव सीएम बने थे, तब उन्होंने गणेश जी की प्रतिमा को बीच रास्ते में रोक दिया था. साथ ही संतों पर लाठियां बरसाई थीं.
पत्रकारों से बात करते हुए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि अखिलेश यादव ने अपनी सरकार में गणेश जी की प्रतिमा को बीच रास्ते में रोक दिया था. वह दो दिन तक वहीं रुकी रही, जिसके चलते मूर्ति की पूजा नहीं हो सकी थी. नही विसर्जन हो पाया था. उन्होंने आगे कहा कि जब हम लोगों ने इसका विरोध किया तो लाठियां बरसाई गईं. फिर भी हम चुप नहीं रहे. हमने प्रतिकार यात्रा निकाली और अखिलेश यादव को ललकारते हुए कहा कि तुमने यह अधर्म किया है, अब तुम्हारी सत्ता खत्म होने वाली है.
वहीं, अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने आगे कहा कि जब मायावती उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री थीं, तो उन्होंने काशी में मंदिरों को तोड़ना शुरू कर दिया था. हम विरोध में खड़े हुए और उनके खिलाफ आंदोलन किया. उन्हें लिखित रूप से वचन देना पड़ा कि अब वह मंदिर नहीं तोड़ेंगी. वह पत्र आज भी हमारे पास है.
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अविमुक्तेश्वरानंद ने राम सेतु तोड़ने वाले कांग्रेस सरकार की भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के समय, जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, तब राम सेतु तोड़ने की योजना बनाई गई थी. हमनें इसके खिलाफ सबसे बड़ा आंदोलन किया.