महाकुंभ नगर; तीर्थराज प्रयागराज में चल रहे विश्व के सबसे बड़े मेले महाकुंभ का तीसरा अमृत स्नान बसंत पंचमी के दिन प्रातः 4.45 बजे से शुरू हो चुका है. निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सबसे पहले श्रीपंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और अटल अखाड़ा के साधु-संत पारंपरिक तरीके से भव्य रथों पर सवार होकर गाजे बाजे के साथ प्रातः 4 बजे ध्वज पताकाएं, बैंड-बाजा के साथ अखाड़े स्नान करने के लिये निकले. वहीं, आज सोमवार की तड़के से लेकर खबर लिखे जाने तक त्रिवेणी संगम में 1.98 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं.
अपर मेला अधिकारी महाकुंभ विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि महाकुंभ के तीसरे अमृत स्नान बसंत पंचमी के पुण्य अवसर पर संगम के सभी घाटों पर स्नान जारी है. महिला-पुरुष, साधु-संत, नागा सन्यासी, अखाड़े के आचार्य धर्म ध्वजा के साथ अपने देवता के साथ स्नान कर रहें है. वहीं, आज सोमवार की भोर से लेकर अभी तक 1.98 करोड़ श्रद्धालु आस्था के डुबकी लगा चुके हैं.
साधु-संत पारंपरिक तरीके से कर रहे अमृत स्नान
अपर मेला अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सबसे पहले श्रीपंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी एवं अटल अखाड़ा के साधु-संत पारंपरिक तरीके से भव्य रथों पर सवार होकर गाजे-बाजे के साथ प्रातः 4 बजे ध्वज-पताकाएं, बैंड-बाजा के साथ अखाड़े स्नान करने के लिये निकले. वहीं, आचार्य महामंडलेश्वर एवं मंडलेश्वर भव्य रथ पर आसीन हैं.
श्रद्धालु लगा रहे हर-हर महादेव के नारे
अखाड़े के साधु-संतों और विशेषकर नागा साधुओं को देखने के लिये श्रद्धालु कतारबद्ध खड़े हुए हैं. साधु संतों को देखकर श्रद्धालु उत्साह व उमंग में ‘हर हर महादेव’ का नारा लगाते हैं, तो वायुमण्डल में एक लहर सी दौड़ जाती है. बैड़ बाजों की धुन पर थिरकते, भागते और तरह-तरह के करतब करते नागा साधु वातावरण में एक अलग तरीके की ऊर्जा का संचार करते हैं, जिससे वातावरण गुलजार हो जाता है.
सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध
गौरतलब है कि 29 जनवरी मौनी अमावस्या के स्नान के दौरान मची भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत के बाद तीसरे अमृत स्नान में मेला प्रशासन सर्तकता बरत रहा है. मेला प्रशासन के तीसरे अमृत स्नान के लिए स्पेशल प्लान बनाया है. इसमें सभी श्रद्धालुओं के लिए वनवे रूट रहेगा. पांटून पुलों पर कोई दिक्कत नहीं आएगी. त्रिवेणी के घाटों पर अत्यधिक दबाव रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल और बैरिकेड तैनात कर दिए गए हैं.
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इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था और अधिक कड़ी कर दी गई है. श्रद्धालुओं को संगम या अन्य घाटों तक पहुंचने में दिक्कत ना हो, इसके प्रबंध किए गए हैं. प्रभावी पेट्रोलिंग के लिए 15 मोटर साइकिल दस्ते तैनात किए गए हैं. प्रमुख चौराहों और डायवर्जन प्वाइंट्स के बैरियर पर सीएपीएफ और पीएसी बल तैनात किया गया है.