लखनऊ: बसंत पंचमी का पर्व आज 3 फरवरी दिन सोमवार को देश भर में मनाया जा रहा है. हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. इसी त्योहार से बसंत ऋतु की शुरुआत होती है. मान्यताओं के अनुसार, इस दिन ज्ञान की देवी माता सरस्वती अवतरित हुई थीं. इसलिए इसी दिन बसंत पंचमी का पर्व बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है. इस पावन अवसर पर मां सरस्वती की विधि-विधान से पूजा-अर्चना और व्रत करने का विधान माना गया है. माता सरस्वती का व्रत बड़े ही सावधानी के साथ रहना चाहिए. ताकि कोई भी गलतियां न हो सके.
बसंत पंचमी के दिन विद्या और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा करनी चाहिए. हिन्दू धर्म में बसंत पंचमी का विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था. इसलिए कहा जाता है कि गंगा स्नान के उपरान्त मां सरस्वती की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. जिसके चलते आज के दिन माता सरस्वती का आशीर्वाद लेने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ मेला क्षेत्र में उमड़ने लगी है.
माघ मेला स्थित शिविर में काशी सुमेरूपीठाधीश्वर नरेन्द्रानंद सरस्वती ने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, वाग्देवी मां सरस्वती की आराधना और ज्ञान के महापर्व को बसंत पंचमी के रूप में जाना जाता है. आज का दिन शिक्षा के लिए काफी योग्य माना जाता है. इसलिए ज्यादातर लोग आज के दिन शिक्षा प्रारम्भ करने या फिर किसी नई कला की शुरूआत करना पसंद करते हैं. आज के दिन लोग इस बसंत पंचमी के उत्साह में पीले रंग का वस्त्र पहन कर सरस्वती मां की पूजा-अर्चना भी करते हैं.
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आपको बता दें कि बसंत पंचमी के त्योहार के 40 दिन बाद होली का त्योहार मनाया जाता है. यह त्योहार ज्ञान, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती को समर्पित है. इस दिन स्कूल से लेकर कॉलेजों के साथ-साथ मंदिरों में भी देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है.