नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज शनिवार को लोकसभा में बजट पेश कर रही हैं. इस दौरान उन्होंने कृषि के क्षेत्र में किसानों को लाभ देने के लिए कई ऐलान किए हैं. निर्मला सीतारमण ने भारत के समुद्री क्षेत्र में जलीय कृषि की असीम संभावनाओं पर जोर देते हुए कहा कि सरकार अंडमान और लक्षद्वीप द्वीपों पर विशेष ध्यान देते हुए…मत्स्य पालन के लिए एक रूपरेखा तैयार करेगी. इसका उद्देश्य समुद्री क्षेत्र में उपलब्ध संभावनाओं को पूरी तरह से उपयोग में लाना है.
सीतारमण ने कहा कि भारत मछली उत्पादन और जलीय कृषि में वैश्विक स्तर पर दूसरे स्थान पर है. भारत का समुद्री खाद्य निर्यात का मूल्य 60,000 करोड़ रुपये है. हम समुद्री क्षेत्र की अप्रयुक्त क्षमता को अनलॉक करने के लिए एक सक्षम ढांचा लाएंगे, जो विशेष रूप से अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप द्वीपों पर केंद्रित होगा. इस कदम से भारत के समावेशी आर्थिक विकास को बल मिलेगा.
कपास उत्पादक किसानों के लिए राष्ट्रीय मिशन
वित्त मंत्री सीतारमण ने कपास उत्पादक किसानों के लिए एक राष्ट्रीय मिशन की घोषणा की. इस मिशन का उद्देश्य कपास की खेती में उत्पादकता और स्थिरता में सुधार लाने के साथ-साथ अतिरिक्त-लंबे समय तक स्थिर कपास किस्मों को बढ़ावा देना है. वित्त मंत्री ने कहा कि यह मिशन कपास उत्पादक किसानों के लाभ के लिए होगा. जिसे पांच वर्षों के लिए लागू किया जाएगा. इसमें किसानों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे उनकी खेती की उत्पादकता में महत्वपूर्ण सुधार हो सके.
बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना
वित्त मंत्री ने बिहार में मखाना उत्पादन के क्षेत्र को और मजबूत करने के लिए मखाना बोर्ड की स्थापना की भी घोषणा की. सीतारमण ने बताया कि मखाना बोर्ड का उद्देश्य मखाना के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन में सुधार लाना होगा. उन्होंने कहा कि बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी, जिसमें मखाना से जुड़ी गतिविधियों में लगे लोगों को एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन) के तहत संगठित किया जाएगा. बोर्ड किसानों को सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करेगा, साथ ही यह सुनिश्चित करेगा कि वे सभी सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें.
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उच्च उपज वाले बीजों पर राष्ट्रीय मिशन
सीतारमण ने उच्च उपज वाले बीजों पर एक राष्ट्रीय मिशन की शुरुआत की भी घोषणा की. यह मिशन अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने, उच्च उपज और वाणिज्यिक बीजों के लक्षित विकास और प्रसार पर केंद्रित होगा. उन्होंने बताया कि यह मिशन जुलाई 2024 से शुरू होगा, और इसके तहत 100 से अधिक बीज किस्मों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी.