नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का शुभारंभ आज शुक्रवार से हो गया है. सबसे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित किया. जिसके बाद लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया. इस दौरान उन्होंने वित्तीय क्षेत्र में सरकार को मिली उपलब्धियों व आगामी लक्ष्यों के बारे में सदन को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सरकार ने साल 2025-26 के लिए देश की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6.3 से 6.8% के बीच रखा है. साथ ही उन्होंने चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 की अर्थव्यवस्था का लेखा-जोखा भी संदन में प्रस्तुत किया.
GDP में इजाफा और GST संग्रह में वृद्धि का अनुमान
वित्त मंत्री ने बताया कि आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, 2025-26 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.3 से 6.8 फीसदी के बीच रहने का अनुमान है. इसके अलावा, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में 11 फीसदी की वृद्धि का अनुमान है, जो 10.62 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है.
चुनौतियों के बाद भी विकास की गति बढ़ा रही सरकार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि आर्थिक सर्वेक्षण में देश के सामने मौजूद कुछ प्रमुख चुनौतियां हैं. फिर भी सरकार सुधारों और विकास की दिशा को लेकर योजना बनाकर कार्य कर रही है.
आर्थिक सर्वेक्षण की ऐतिहासिक भूमिका
आर्थिक सर्वेक्षण 1950-51 से एक वार्षिक दस्तावेज के रूप में पेश किया जा रहा है. पहले यह केंद्रीय बजट का हिस्सा हुआ करता था, लेकिन 1960 के दशक से इसे बजट से एक दिन पहले अलग से प्रस्तुत किया जाता है. इस साल का सर्वेक्षण मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंथा नागेश्वरन के नेतृत्व में आर्थिक मामलों के विभाग के आर्थिक प्रभाग द्वारा तैयार किया गया है.
शनिवार को पेश होग केंद्रीय बजट
इस आर्थिक सर्वेक्षण के बाद, शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में 2025-26 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी, जिसमें सरकार के अगले वित्तीय वर्ष के लिए विकास और सुधार की योजनाओं का विस्तृत ब्योरा दिया जाएगा.
क्या है आर्थिक सर्वेक्षण ब्योरा?
यह एक विशेष दस्तावेज है. जिसे हर साल केंद्रीय बजट से पहले पेश किया जाता है. जो भारत की आर्थिक स्थिति की व्यापक समीक्षा प्रदान करता है. साथ ही आगामी वित्तीय वर्ष के लिए नीति निर्माण की दिशा तय करने में मदद करता है.