बुलंदशहर: जिले में एक कलयुगी श्रवण कुमार की तस्वीरें इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई हैं. NH-34 हाईवे पर एक शख्स अपनी 92 वर्षीय मां को लकड़ी की एक गाड़ी पर बैठाकर पैदल खींचते हुए महाकुंभ प्रयागराज की ओर बढ़ रहा है. इस शख्स का नाम चौधरी सुदेश पाल है, जो मुजफ्फरनगर का निवासी है. वह अपनी बुजुर्ग मां जगवीरी देवी को महाकुंभ में स्नान कराने के लिए पैदल ही प्रयागराज की ओर रवाना हुए हैं.
लकड़ी की गाड़ी से यात्रा
सुदेश पाल ने अपनी मां के लिए एक लकड़ी की गाड़ी तैयार की है, जिसे वह अपने हाथों से खींचते हुए लेकर जा रहे हैं. यह गाड़ी विशेष रूप से बुजुर्ग मां के बैठने के लिए बनाई गई है, ताकि यात्रा में किसी प्रकार की कठिनाई न हो. सुदेश पाल का उद्देश्य महाकुंभ के पवित्र स्नान में अपनी मां को सम्मिलित कराना है. उन्होंने तय किया है कि वह यह यात्रा पैदल ही करेंगे. हाईवे पर चलते हुए सुदेश पाल की यह अनोखी यात्रा आने-जाने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई है.
कहां से मिली महाकुंभ यात्रा की प्रेरणा
सुदेश पाल बताते हैं कि जब उन्हें महाकुंभ के बारे में जानकारी मिली, तो उनके मन में विचार आया कि अपनी बुजुर्ग मां को पैदल चलकर महाकुंभ स्नान के लिए ले जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि वह पहले अपने पैरों में दर्द से परेशान थे. डॉक्टरों ने उन्हें चलने से मना कर दिया था. लेकिन अपनी मां के आशीर्वाद से अब वह ठीक हो गए हैं. अब वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं. सुदेश ने बताया कि मैंने अपने घुटनों के दर्द को दूर करने के बाद यह संकल्प लिया कि वह अपनी मां के साथ पैदल यात्रा करेंगे और उन्हें महाकुंभ में स्नान कराएंगे.
13 दिनों की पदयात्रा
सुदेश पाल का कहना है कि उनकी यह यात्रा 13 दिनों की है. वह रोज 50 किमी की दूरी तय कर रहे हैं. उनका लक्ष्य है कि वह 12 दिन में ही प्रयागराज पहुंच जाएं. सुदेश ने कहा कि मां के आशीर्वाद से वह अपनी यात्रा सफलतापूर्वक पूरी करेंगे. पिछली बार भी, सुदेश पाल ने मां को अपने कंधों पर बैठाकर हरिद्वार ले जाकर गंगा स्नान कराया था. इस बार वह महाकुंभ में अपनी मां को लड़की की गाड़ी पर बैठाकर लेकर जा रहे हैं.