प्रयागराज: महाकुंभ में आज बुधवार मौनी अमावस्या को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने का क्रम जारी है. अनुमान है कि आज प्रयागराज में करीब 10 करोड़ लोग मौजूद हैं. जिसके चलते शहर के मुख्य मार्गों के साथ-साथ गलियों में भी श्रद्धालुओं का हुजूम नजर आ रहा है. बीती रात करीब 3 बजे संगम तट पर भगदड़ मचने के बाद बड़ा हादसा हो गया. जिसके चलते सभी अखाड़ों का अमृत स्नान रद्द हो गया था. हालांकि, स्थितियांं सामान्य होने के बाद साधु-संत अमृत स्नान करने संगम की ओर रवाना हो रहे हैं. जिसको देखते हुए मार्गों पर RAF के साथ-साथ पुलिस जवानों को तैनात किया गया है.
#WATCH प्रयागराज: मौनी अमावस्या के अवसर पर सांसद हेमा मालिनी, जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज और योग गुरु बाबा रामदेव ने अन्य संतों के साथ त्रिवेणी संगम में पावन स्नान किया। #MahaKumbh2025 pic.twitter.com/iwUKL4YUpX
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 29, 2025
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविद्र पुरी ने हादसे के बाद, सभी 13 अखाड़ों के अमृत स्नान करने पर मना कर दिया था. हालांकि बाद में सीएम योगी से अखाड़ों के साधु-संतों से बात की…जिसके बाद वह अमृत स्नान के लिए निकल पड़े हैं. हालांकि दुखद घटना के बाद सभी अखाड़े अपने आराध्य देवता के साथ सिर्फ सांकेतिक अमृत स्नान करेंगे. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविद्र पुरी ने बताया कि अमृत स्नान के दौरान किसी भी प्रकार की कोई बड़ी यात्रा नहीं निकाली जा रही है.
#WATCH प्रयागराज: मौनी अमावस्या के अवसर पर अमृत स्नान के लिए अखाड़ों और संतों के लिए मार्ग प्रशस्त करने के लिए त्रिवेणी संगम पर भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है। pic.twitter.com/Rk1hcwoDP1
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कई साधु-संतों ने किया स्नान
जूना अखाड़ा के पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, योग गुरु बाबा रामदेव, मथुरा सांसद हेमा मालिनी सहित कई बड़े साधु-संतों ने सादगी के साथ त्रिवेणी संगम में स्नान किया है. वहीं, अन्य अखाड़ों के साधु-संत अब संगम तट की ओर स्नान करने के लिए अपने शिविर से निकल रहे हैं. जिसको देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए हैं.
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महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या 10 करोड़ के पार
प्रयागराज शहर और महाकुंभ मेले में इस समय करीब 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु मौजूद हैं. 28 जनवरी तक 19.94 करोड़ श्रद्धालुओं ने महाकुंभ में स्नान किया था. भगदड़ के बाद प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि श्रद्धालु अपने निकटतम घाट पर ही स्नान करें. ताकि संगम के घाटों पर अत्यधिक भीड़ एकत्रित न हो.