बीते 5 दशकों से बस्तर क्षेत्र में माओवाद के प्रभाव के कारण अब प्राचीन विद्याओं पर संकट आ चुका है…. माओवादी परंपराओं और लोक कल्याणकारी कार्यों को भी अपने नियंत्रण में लाना चाहते हैं… 5 दशकों से स्थानीय ग्रामीणों का वनौषधियों से उपचार कर रहे वैद्य हेमचंद मांझी को माओवादीओ की तरफ से धमकी मिली है…मांझी ने अब इस कार्य को छोड़ देने की बात कही है… और पद्मश्री पुरस्कार लौटाने की इच्छा भी जाहिर की…अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए वह आतंकी घटनाए तक को अंजाम दिया है… ऐसे में मरीजों की सेवा करने वाले वैद्य को भी अब माओवादी द्वारा रोकने का भरसक प्रयास किया जा रहा है