अयोध्या: महाकुंभ 2025 का आरंभ होने के बाद से लाखों की संख्या में रोज श्रद्धालु संगम के घाटों पर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. महाकुंभ में डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालु सीधे आयोध्या पहुंच रहे हैं. श्रद्धालुओं का आयोध्या आने के बाद रामनगरी की सभी सड़कें फुल हो चुकी हैं. सभी आश्रय स्थल, होटल भर चुके हैं. श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा न होने पाए इसी क्रम में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय ने पास-पड़ोस के भक्तों से अपील की है कि वे 15-20 दिन के बाद अयोध्या दर्शन के लिए आएं, ताकि दूर-दराज से आ रहे श्रद्धालुओं को रामलला के दर्शन में कोई असुविधा न हो.
महाकुंभ से सीधे अयोध्या पहुंच रहे श्रद्धालु
बता दें कि प्रयागराज में 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के अवसर पर होने वाले महाकुंभ स्नान के दौरान करीब 10 करोड़ श्रद्धालुओं के संगम तट पर स्नान करने का अनुमान है. इस दौरान बड़ी संख्या में भक्तजन प्रयागराज से अयोध्या पहुंच रहे हैं, जिससे अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हो गई है.
महामंत्री चम्पत राय ने आसपास के श्रद्धालुओं से की अपील
चम्पत राय ने कहा, “अयोध्या धाम की सीमित जनसंख्या और संरचना को देखते हुए इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को एक ही दिन में दर्शन कराना चुनौतीपूर्ण हो गया है. इस कारण भक्तों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ बदलाव आवश्यक हो गए हैं.”
उन्होंने आग्रह किया कि पास-पड़ोस के भक्तजन यदि वसंत पंचमी के बाद या फरवरी में आने का कार्यक्रम बनाएं तो सभी को बेहतर सुविधा मिलेगी. वसंत पंचमी के बाद मौसम भी अनुकूल होगा और श्रद्धालुओं के लिए आने-जाने में आसानी होगी.
इस समय भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने और सुरक्षित दर्शन सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय प्रशासन और तीर्थ क्षेत्र समिति द्वारा व्यवस्थाओं में सुधार की योजना बनाई जा रही है.
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चम्पत राय ने सभी भक्तों से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि इस बदलाव से सभी को लाभ होगा और अधिक श्रद्धालुओं को रामलला के दर्शन का अवसर मिलेगा.