प्रयागराज में जारी महाकुंभ मेला इन दिनों दुनिया भर में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. विश्व के कई देशों से लोग प्रयागराज पहुंचकर भारतीय परंपरा और संस्कृति को समझ रहे हैं. जिसके चलते दुनिया भर में सनातन की चर्चा हो रही है. इसी बीच महाकुंभ में रविवार को हुआ एक विवाह सुर्खियों में हैं. यह विवाह पेनेलोप और सिद्धार्थ शिव खन्ना का है. दरअसल, पेनेलोप शादी करने के लिए ग्रीस से चलकर प्रयागराज पहुंचीं थीं. यहां उन्होंने भारत के सिद्धार्थ के साथ सात वैदिक परंपरा के अनुसार सात फेरे लिए. इस दौरान साधु-संत ने बाराती की भूमिका निभाई, जबकि जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि ने पेनेलोप के पिता की भूमिका निभाते हुए कन्यादान किया.
पेनेलोप का अनुभव
विवाद के बाद मीडिया से बात करते हुए पेनेलोप ने कहा कि मैंने यह आभास किया है कि सनातन धर्म ही खुशहाल जीवन का माध्यम है. पेनेलोप ने आगे कहा कि सनातन जन्म-पुनर्जन्म के चक्र से परे जाने का एक तरीका है. मैं बहुत खुश हूं और मेरा विवाह आध्यात्मिक और वैदिक परंपरा के अनुसार हुआ है. पेनेलोप ने बताया कि अब वह अपने पति के साथ मौनी अमावस्या के दिन संगम में अमृत स्नान करेंगी.
कैसे हुई पेनेलोप और सिद्धार्थ की मुलाकात?
पेनेलोप एथेंस के एक विश्वविद्यालय से टूरिज्म मैनेजमेंट में ग्रेजुएट हैं. जबकि सिद्धार्थ शिव खन्ना योगा टीचर हैं. पेनेलोप ने बताया कि 9 साल पहले थाईलैंड में योग सीखने के दौरान उनकी मुलाकात सिद्धार्थ से हुई थी. पेनेलोप ने कहा कि उन्होंने सिद्धार्थ से सनातन की परंपरा और संस्कृति के बारे में जाना. जिससे वह सनातन परंपरा की ओर आकर्षित हुईं. फिर बाद में दोनों ने विवाह करने का फैसला किया.
दिव्य और आध्यात्मिक शादी
पेनेलोप ने कहा कि जब सिद्धार्थ ने मुझसे पूछा कि भारत में विवाह करें या ग्रीस में, तो मैंने भारत को चुना. आजकल विवाह में शराब पीने का रिवाज बढ़ गया है, लेकिन हमारी शादी एक अलग और दिव्य तरीके से हुई. पेनेलोप ने यह भी कहा कि दुल्हन बनकर भारतीय परंपरा के अनुसार विवाह का अनुभव बहुत अच्छा रहा.
सिद्धार्थ का संदेश
सिद्धार्थ ने कहा कि हमने विवाह को सबसे प्रामाणिक तरीके से किया. प्रयागराज इस समय अपनी दिव्यता के कारण दुनिया की सबसे अच्छी जगह है. यहां सबकुछ मौजूद है…तीर्थस्थल, पूजा स्थल, और आशीर्वाद.
स्वामी यतींद्रानंद गिरि ने किया कन्यादान
जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि ने पेनेलोप का कन्या दान किया. उन्होंने कहा कि दोनों पिछले कुछ वर्षों से सनातन धर्म का अनुसरण कर रहे हैं. पेनेलोप शिव की भक्त हैं और सिद्धार्थ कई देशों में योग सिखाते हैं. हम दोनों के इस आध्यात्मिक बंधन के साक्षी बने.