प्रयागराज; तीर्थराज प्रयाग में 144 वर्ष के बाद महाकुंभ के शुभ संयोग पर लोक कल्याण का संकल्प लेकर बैठी योगी सरकार ने राज्य में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए बड़े फैसले लिए हैं. बीते बुधवार को पावन त्रिवेणी तट पर हुई कैबिनेट की ऐतिहासिक बैठक में 320 किलोमीटर लंबाई वाले ‘विंध्य एक्सप्रेस-वे और 100 किमी लम्बाई वाले विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस-वे के निर्माण को सैद्धांतिक सहमति दी गई.
एक्सप्रेस-वे से होगा क्षेत्र का विकास- सीएम योगी
विशेष कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा संचालित एवं प्रकरण एक्सप्रेस-वे के माध्यम से कनेक्टिविटी नेटवर्क विकास व क्षेत्र में औद्योगिक परियोजनाओं का विकास हो रहा है. वर्तमान में प्रदेश के मध्यांचल, पूर्वांचल और बुंदेलखंड क्षेत्र एक्सप्रेस-वे से घिरा हुआ हैं और अब दूरवर्ती दक्षिणी-पूर्वी विंध्य क्षेत्र में सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जाना आवश्यक है. इस दृष्टि से प्रयागराज मीरजापुर, वाराणसी, चंदौली एवं सोनभद्र को जोड़ते हुए 320 किलोमीटर लंबाई वाले नए-नए एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जाना चाहिए.
इस नए एक्सप्रेस का प्रारंभ बिंदु प्रयागराज में गंगा एक्सप्रेस-वे होगा, जबकि सोनभद्र में एनएच 39 पर इसका समापन होगा. इस तरह गंगा एक्सप्रेस-वे और विंध्य एक्सप्रेस-वे की सीधी कनेक्टिविटी होगी, साथ ही, मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ में झारखंड से भी अच्छा सम्पर्क स्थापित हो सकेगा.
इसी प्रकार, विंध्य एक्सप्रेस-वे पर चंदौली से प्रारंभ होकर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के अंतिम बिंदु गाजीपुर तक विंध्य पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जाना उचित होगा. इसकी लंबाई लगभग 100 किमी होगी. प्रयागराज को बड़ा उपहार देते हुए मुख्यमंत्री ने प्रयागराज में सलोरी से हेतापट्टी तक नए ब्रिज के निर्माण की भी आवश्यकता जताई. उक्त के साथ ही बैठक में ही शास्त्री ब्रिज और यमुना सिग्नेचर ब्रिज के समानांतर नया ब्रिज को भी सैद्धांतिक मंजूरी दी गई. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह तीनों ब्रिज स्मार्ट प्रयागराज की परिकल्पना को आकार देने वाले होंगे.
त्रिवेणी तट पर हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पूरी सरकार ने ‘सुरक्षित और समृद्ध उत्तर प्रदेश’ के निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. त्रिविधि ताप-पाप नाशिनी गंगा, कूर्मवाहिनी यमुना और अंत:सलिला सरस्वती के पावन संगम तट पर एकजुट पूरी योगी सरकार ने राज्य के गरीब युवाओं, किसान और महिलाओं के हित में कई निर्णय लिए. गंगा किनारे बने त्रिवेणी संकुल में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री द्वय के साथ सभी कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री ‘स्वतंत्र प्रभार’ के साथ अन्य भी मंत्री गणों की उपस्थिति रही.