लखनऊ; उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए दशमोत्तर छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना 2024-25 को संचालित किया जा रहा है. इस योजना का उद्देश्य छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है. ताकि, वे अपनी शैक्षिक यात्रा को निर्बाध रूप से जारी रख सकें.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, योगी सरकार ने शिक्षा को सशक्तिकरण का माध्यम मानते हुए प्रदेश के हर छात्र तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने का संकल्प लिया है. दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना, विशेष रूप से पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए, उनके उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करती है. उच्च शिक्षा में आने वाली आर्थिक बाधाओं को दूर कर ही समाज के कमजोर वर्गों को मुख्य धारा में से जोड़ने के लिए योगी सरकार प्रतिबद्ध है.
इस योजना की विस्तृत प्रक्रिया और समय-सारिणी भी जारी कर दी गई है. योजना के तहत सभी चरणों को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा, ताकि छात्रों को शीघ्रता से लाभ पहुंचाया जा सके. योजना के तहत मास्टर डाटा सत्यापन और लॉक करने की प्रक्रिया 20 जनवरी को पूरी कर ली गई है.
इसके बाद, 22 जनवरी यानी आज विश्वविद्यालयों, एफिलिएटिंग एजेंसियों और जिला विद्यालय निरीक्षकों द्वारा छात्रों की फीस और अन्य विवरणों का सत्यापन किया गया है. जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी 25 जनवरी तक सभी डेटा की जांच पूरी करेंगे.
छात्रों के लिए आवेदन प्रक्रिया की अंतिम तिथि 30 जनवरी निर्धारित की गई है. शिक्षण संस्थानों द्वारा छात्रों के आवेदन का सत्यापन तीन फरवरी तक किया जाएगा. इस दौरान विश्वविद्यालय स्तर पर छात्रों के रिजल्ट और सीट का भी सत्यापन होगा.
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10 फरवरी तक राज्य एनआईसी द्वारा डेटा की स्क्रूटनी पूरी की जाएगी. इसके बाद 18 फरवरी तक जनपदीय छात्रवृत्ति स्वीकृति समिति द्वारा डाटा को अंतिम रूप दिया जाएगा. 25 फरवरी तक निदेशालय स्तर से धनराशि का ट्रांसफर सुनिश्चित किया जाएगा.