संभल; उत्तर प्रदेश के संभल जिले में बीते नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुए बवाल की जांच के लिए गठित न्यायिक जांच आयोग की टीम ने आज मंगलवार को हिंसाग्रस्त इलाके का दौरा किया. आयोग ने अधिकारियों और स्थानीय लोगों से बातचीत कर घटनाक्रम की जानकारी जुटाई और कई लोगों के बयान दर्ज किए. जांच आयोग में हाईकोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश डीके अरोरा, यूपी के डीजीपी एके जैन व पूर्व अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद शामिल रहे.
गौरतलब है कि संभल जिले में विवादित जामा मस्जिद में 24 नवंबर 2024 को सर्वे के दौरान तीन स्थानों पर हिंसा और बवाल हो गया था. पहली हिंसा जामा मस्जिद के नजदीक हुई थी, जहां पांच लोगों की जान गई थी. दूसरा बवाल नखासा तिराहे पर हुआ था, जहां पुलिस पर पथराव और फायरिंग की गई थी. इसके बाद तीसरी हिंसा हिंदूपुरा खेड़ा में हुई थी, जहां पुलिस के अधिकारियों पर जानलेवा हमला किया गया था.
राज्य सरकार द्वारा गठित जांच आयोग की तीन सदस्यीय टीम ने आज मंगलवार को संभल जाने से पूर्व मुरादाबाद के सर्किट हाउस में मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह और डीआईजी मुनिराज जी के अलावा मुरादाबाद मंडल और जिला स्तरीय अन्य अधिकारियों से इनपुट लिया. वहीं, तीन सदस्यीय टीम ने एक घंटे तक हिंसा वाले स्थानों का निरीक्षण किया.
उसके बाद पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस पहुंच कर सुनवाई की. न्यायिक आयोग की टीम इससे पहले भी संभल आकर हिंसा की जांच कर चुकी है. स्थानीय लोगों और अधिकारियों से मिले इनपुट के आधार पर आयोग जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है. जांच समाप्त होने के बाद आयोग की टीम जल्द ही अपनी रिपोर्ट तैयार करेगा और शासन को सौपेंगा.
संभल में हुई हिंसा और पांच लोगों की हत्या के मामले में पुलिस ने हाल ही में एक आरोपित मुल्ला अफरोज को दो दिन पहले गिरफ्तार किया है. इस घटना में अभी तक 72 उपद्रवी गिरफ्तार हो चुके हैं. हिंसा व बवाल से जुड़े कई नामजद और संदिग्ध आरोपित अभी फरार चल रहे हैं.
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कुछ फरार आरोपितों के गैर जमानती वारंट भी जारी हो चुके हैं. इसमें ज्यादातर लोग वर्तमान में जिले से फरार हैं. पुलिस जांच के दौरान यह खुलासा हुआ है कि नवंबर माह में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुए बवाल की साजिश विदेश में रची गई थी.