लखनऊ: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का योगदान भारतीय इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा गया है. लखनऊ के लिए यह गर्व की बात है कि यहीं, बंगाली क्लब में, सुभाष चन्द्र बोस ने ‘इंडियन नेशनल आर्मी’ (आईएनए) की नींव रखी थी. यह विचार उन्हें 20 नवम्बर 1938 को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद लखनऊ दौरे पर आया था.
बंगाली क्लब एण्ड यंग्समैन एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण बनर्जी के अनुसार, नेताजी का इस क्लब में भव्य स्वागत हुआ था और वे वहां युवाओं से भी मिले थे. इस दौरान उन्होंने अपना प्रसिद्ध भाषण दिया था, जिसमें उन्होंने भारत को गुलामी से मुक्त करने के लिए युवाओं से वार्ता की थी. बनर्जी ने बताया कि 87 साल बाद भी नेताजी को दिए गए अभिनंदन पत्र की प्रतिलिपि और उनके साथ खींची गई तस्वीरें क्लब में मौजूद हैं.
नेताजी के इस लखनऊ दौरे के दौरान आईएनए के गठन के लिए महत्वपूर्ण विचार-विमर्श हुआ था. इतिहासकार संजीव सान्याल ने भी कहा था कि नेताजी ने लखनऊ में आईएनए की नींव रखी थी. उस समय वहां एक जापानी काउंसिल सदस्य भी मौजूद था, जिसे रास बिहारी बोस ने भेजा था. यह बैठक द्वितीय विश्व युद्ध के माहौल में भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिए एक क्रांतिकारी कदम था.
लखनऊ में नेताजी की मूर्ति स्थापना को लेकर भी संघर्ष हुआ. 1990 के दशक में कांग्रेस और अन्य दलों ने नेताजी की प्रतिमा लगाने का विरोध किया था. लेकिन बंगाली क्लब के सदस्यों ने इसका विरोध करते हुए धरना-प्रदर्शन किया. अंततः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने नेताजी की मूर्ति स्थापित करने के लिए हजरतगंज में भूमि आवंटित की. यह लखनऊ के लिए गर्व की बात है कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के योगदान और बलिदान को इस शहर ने हमेशा सम्मान दिया है.