कानपुर; उत्तर प्रदेश विधानसभा के अंदर अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (A.I) से लैस उपकरणों का प्रयोग होगा. इस कड़ी में कवायद लगातार जारी है. आधुनिक तकनीक उपकरणों की मदद से अब यूपी की जनता अपने-अपने विधायकों की हर गतिविधि से रूबरू हो सकेगी. विधायक ने सदन में आकर केवल हंगामा किया या फिर जनता के मुद्दों पर अपनी बात रखी, यह अपडेट ऐ.आइ. की मदद से फौरन जनता तक पहुंचेगा.
बता दें कि बीते बुधवार को सतीश महाना बिठूर रोड स्थित एक निजी होटल में कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन द्वारा आयोजित उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड की महिला विधायकों के सम्मेलन कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से वार्ता की. सतीश महाना ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि उनके द्वारा विधानसभा के लिए एक एप पहली बार तैयार हुआ है, जिसमें 1883 से लेकर अभी तक की सभी गतिविधियों को देखा जा सकता है.
इसके अलावा पूरी विधानसभा में डिजिटलाइजेशन किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि हर विधायक अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाए. जनता ने उन पर विश्वास कर के उन्हें चुना है.
विधानसभा में अनुशासन बनाए रखने के लिए सख्ती जरूरी
सतीश महाना ने पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कहा, कभी कभार सदन की कार्यवाही के दौरान अनुशासन बनाए रखने के लिए सख्ती बहुत जरूरी होती है. दरअसल, कुछ दिनों पूर्व हुए सत्र में अचानक ही विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना नाराज हो गए थे और उन्होंने एक विधायक को सदन से बाहर भी निकाल दिया था.
वहीं, कार्यक्रम में उपस्थित महिला विधायकों ने कहा, अब वह समय आ गया है. जब वास्तव में आधी आबादी को इतना सशक्त बनाना है कि लोकसभा व विधानसभा में महिला सदस्यों की संख्या अधिक से अधिक हो.
वहीं, राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला वारसी ने कहा कि समाज का अंग सशक्त बने, इस दिशा में अब तेजी से काम करना होगा. सभी लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी.