महाकुंभ नगर: इस बार महाकुंभ में पूर्वोत्तर भारत के राज्यों की संस्कृति और संतों की व्यापक उपस्थिति देखने को मिल रही है. यहां असमिया संस्कृति पर आधारित नामघर की परंपरा में सत्राधिकार आयोजित होने जा रहे हैं. इस आयोजन में पूर्वोत्तर के संतों की विशेष भागीदारी रहेगी, जिन्हें योगी सरकार ने स्टेट गेस्ट का दर्जा देकर आमंत्रित किया है. महाकुंभ के प्राग ज्योतिषपुर क्षेत्र में इन आयोजनों की विशेष तैयारियां हो रही हैं. 12 जनवरी से इनकी शुरुआत होगी.
पूर्वोत्तर के सात राज्यों की संस्कृति का प्रदर्शन
योगाश्रम बिहलांगिनी असम के महंत महामंडलेश्वर स्वामी केशव दास महाराज ने बताया कि इस बार महाकुंभ में नामघर का निर्माण किया जा रहा है, जो कुम्भ में पहली बार हो रहा है. यहां पर सत्राधिकार आयोजित होंगे, जहां शाही स्नान भी होगा. धर्म सभाओं का आयोजन किया जाएगा और अखंड भागवत का पाठ किया जाएगा, जो 7 दिनों तक लगातार चलेगा. यह कार्यक्रम 21 जनवरी से शुरू होकर 27 जनवरी तक चलेगा. इसके अलावा, एक प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी, जिसमें पूर्वोत्तर के सात राज्यों की संस्कृतियों को प्रदर्शित किया जाएगा. इस प्रदर्शनी में पूर्वोत्तर के समाज, संस्कृति और धर्म की समग्र तस्वीर देखने को मिलेगी. प्रदर्शनी का उद्घाटन 12 जनवरी को होगा.
कामाख्या का मॉडल और सांस्कृतिक कार्यक्रम
स्वामी केशव दास ने बताया कि आयोजन में राम विजय भावना का मंचन होगा, जो रामलीला की तर्ज पर होगा. मणिपुरी नृत्य रास, सत्रीय नृत्य, नागालैंड का बैंबो डांस और अप्सरा नृत्य जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होंगे. माटी अखाड़ा में भक्त अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे. इसके अलावा, कामाख्या मंदिर का मॉडल भी प्रदर्शित किया जाएगा और वहां का जल वितरित किया जाएगा.
125 संतों को स्टेट गेस्ट के रूप में आमंत्रित किया गया
महाकुंभ के आयोजन में नॉर्थ ईस्ट से 125 संतों को स्टेट गेस्ट के रूप में आमंत्रित किया गया है. इन संतों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय से फोन कर आमंत्रित किया गया है, उनकी पूरी व्यवस्था कुंभ मेले के खालसे में की जाएगी. इन संतों में त्रिपुरा के पद्मश्री से सम्मानित चित्त महाराज, दक्षिण पाद सत्र, गडमूर सत्र जैसे प्राचीन सत्रों के संत शामिल होंगे. ये सभी संत अमृत स्नान में भाग लेंगे, जो कुंभ में ऐतिहासिक होगा, क्योंकि पहले कभी सत्राधिकारों ने अमृत (शाही) स्नान में भाग नहीं लिया था.
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स्वामी केशव दास ने कहा कि योगी जी द्वारा कुंभ को इस प्रकार से आयोजित किया जा रहा है, इससे न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे नॉर्थ ईस्ट में इसकी चर्चा हो रही है, लोग बहुत उत्साहित हैं. महाकुंभ में पूर्वोत्तर के इन खास आयोजनों और संतों की उपस्थिति कुंभ को और भी ऐतिहासिक बना देगी.