तिरुवनंतपुरम: केंद्र सरकार ने आज 8 जनवरी को वी नारायणन को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का नया अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग का सचिव नियुक्त किया है. वी नारायणन 14 जनवरी से पदभार ग्रहण करेंगे. वह वर्तमान ISRO अध्यक्ष एस सोमनाथ का स्थान लेंगे. इसरो के नए अध्यक्ष के रूप में अपनी नियुक्ति पर वी नारायणन ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दी गई एक बड़ी जिम्मेदारी है.
वी नारायणन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इसरो ने 1969 से देश के हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. इसका नेतृत्व सर विक्रम साराभाई, यूआर राव, के कस्तूरिंगन, के राधाकृष्णन, एएस किरण कुमार, के सिवन, और एस. सोमनाथ जैसे महान लोगों ने किया है. उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि इसरो के कर्मचारियों, टेक्नोक्रेट और प्रबंधन टीम के साथ मिलकर हम स्वतंत्रता के 100 साल पूरे होने से पहले प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुसार एक विकसित राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे.
वी नारायणन ने आगे कहा कि हम चंद्रयान-4 और अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण जैसे महत्वपूर्ण भविष्य मिशनों के लिए स्पैडेक्स परियोजना शुरू करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम G1 रॉकेट को विकसित कर रहे हैं, जो पहला मानव रहित रॉकेट होगा. इसके अलावा, हम पीएसएलवी नामक एक महत्वपूर्ण प्रयोग भी करने जा रहे हैं. नारायणन ने कहा कि मैं अपने 41 वर्षों के अनुभव का उपयोग करके इस संगठन को और अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने का प्रयास करूंगा.
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उल्लेखनीय है कि वी नारायणन 1984 में इसरो से जुड़े थे. वह इसरो के रॉकेट और अंतरिक्ष यान प्रणोदन विशेषज्ञ माने जाते हैं. वह वर्तमान में लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (LPSC) के निदेशक हैं. उनका इसरो में कार्यकाल रॉकेट प्रणालियों और प्रक्षेपण यानों के विकास में महत्वपूर्ण रहा है. वी नारायणन की इस नियुक्ति के साथ ही इसरो एक नई दिशा में कदम रखेगा, जिसमें आने वाले समय में कई महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन और विकासात्मक योजनाएं शामिल हैं.