प्रयागराज: महाकुंभ 2025 का शुभारंभ 13 जनवरी से हो रहा है. यह उत्सव 26 फरवरी 2025 तक चलेगा, जिसमें 6 से 8 करोड़ श्रद्धालु भाग ले रहे हैं. महाकुंभ का सबसे बड़ा आयोजन मौनी अमावस्या के दिन होने वाला अमृत स्नान होगा. जिसमें सभी आखाड़ों के साधु-संतों के साथ-साथ करोडों लोग प्रयागराज संगम में स्नान करेंगे. यह स्नान पर्व 29 जनवरी को होगा. इस दिन प्रयागराज में लोगों को विशाल संगम दिखेगा. जिसको लेकर मेला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.
मौनी अमावस्या के शाही स्नान के दिन अखाड़े अपने विशेष तैयारियों के साथ संगम में स्नान के लिए पहुंचते हैं. पहले इसे शाही स्नान कहा जाता था, लेकिन अब इसे अखाड़ों की ओर से ‘अमृत स्नान’ नाम दिया गया है. इस दिन साधु संत और महामंडलेश्वर राजसी ठाठ-बाट के साथ संगम में स्नान करने जाते हैं.
महाकुंभ में प्रमुख रूप ले 3 अमृत स्नान होते हैं. पहला मकर संक्रांति के दिन. दूसरा मौनी अमावस्या के दिन और तीसरा बसंत पंचमी के दिन. महाकुंभ में इन तीनों अमृत स्नानों का विशेष महत्व है. तीसरे अमृत स्नान के बाद सभी अखाड़ों के संत-महंत महाकुंभ मेला क्षेत्र से वाराणसी के लिए प्रस्थान करते हैं.
महाकुंभ 2025 का अंतिम स्नान
महाकुंभ में कल्पवास की शुरुआत पौष पूर्णिमा के स्नान से होती है. कल्पवास माघी पूर्णिमा के स्नान के दिन समाप्त हो जाता है. माघी पूर्णिमा के बाद महाकुंभ की रौनक खत्म हो जाती है. श्रद्धालु मेला क्षेत्र से लौटने लगते हैं.
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महाशिवरात्रि पर महाकुंभ का होगा समापन
महाकुंभ 2025 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा. इसका औपचारिक समापन महाशिवरात्रि के दिन होगा, जब लाखों श्रद्धालु संगम और संगम तट पर स्नान करने के लिए पहुंचते हैं. इस दिन के बाद से महाकुंभ 2025 का समापन हो जाता है.