संभल: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के सामने स्थित खाली जमीन पर सत्यव्रत पुलिस चौकी का निर्माण कार्य चल रहा है. इस निर्माण को लेकर AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने आपत्ति जताई, जिसके बाद बीती शाम संभल के डीएम और एसपी ने प्रेस कांफ्रेंस कर स्थिति स्पष्ट की. जिलाधिकारी राजेन्द्र पेंसिया ने बताया कि जिस जमीन पर पुलिस चौकी का निर्माण हो रहा है, उस पर अब तक कोई प्रभावी दावा नहीं किया गया है. वक्फ संपत्ति के तौर पर जिस जमीन का जिक्र किया जा रहा है, वह अनरजिस्टर्ड है. वो वक्फ की संपत्ति नहीं है.
जिलाधिकारी ने कहा कि 23 अगस्त 1929 को मोहम्मद अब्दुल समद ने मुहल्ला कोर्ट संभल में एक अनरजिस्टर्ड वक्फ नामा लिखा था, जिसमें 20 मुख्य बिंदु हैं. इन बिंदुओं के तहत जमीन की जानकारी दी गई है, जिनका अभिलेखीय और भौतिक परीक्षण एक तीन सदस्यीय टीम ने किया. इस परीक्षण में एक SDM, एक CO और एक EO शामिल थे. उन्होंने यह भी बताया कि अब तक किसी भी व्यक्ति ने इस संपत्ति के लिए दावा नहीं किया है.
अब दिखाने होंगे “कागज”#संभल की विवादित शाही जामा मस्जिद के सामने पुलिस चौकी बनवा रही है. चौकी की जमीन को लेकर एक खां साहब ने कुछ अनरजिस्टर्ड पेपर्स डीएम को सौंपे
तीन अफसरों ने कागजों का वेरिफिकेशन किया. करीब 4 किलोमीटर की जमीन उस कागज में वक्फ़ की बताई गई है जिसे प्रशासन फर्जी… pic.twitter.com/j4fBRUU6Vv
— Narendra Pratap (@hindipatrakar) January 2, 2025
भूमि के वास्तविक स्वामित्व पर सवाल
जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि वक्फ नामा में दर्ज भूमि के बारे में सवाल उठते हैं. 18, 19 और 20 नंबर पर जिन संपत्तियों का उल्लेख है, वहां कोई व्यक्ति निवास नहीं करता और कोई साक्ष्य भी नहीं मिलते. इस भूमि का कोई मालिकाना हक दर्ज नहीं है, और ना ही वहां कोई घर या व्यक्ति अस्तित्व में है. यह भूमि ग्राम बिछौली और शेर खान सराय के बीच 4 किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई है.
इस वक्फनामे में संभल की हजारों बीघा जमीन का उल्लेख किया गया है, लेकिन इसमें मोहम्मद अब्दुल समद की अपनी संपत्ति का कोई जिक्र नहीं है. वक्फनामे में यह भी उल्लेख है कि इन ज़मीनों को मदरसों के निर्माण के लिए दान किया गया, लेकिन इसका कोई प्रमाण नहीं है कि कहाँ और कैसे मदरसा निर्माण हुआ.
वक्फनामे की वैधता पर सवाल
जिलाधिकारी ने कहा कि यदि यह वक्फ संपत्ति मानी भी जाए, तो वक्फ एक्ट 1995 की धारा 56 के तहत वक्फ संपत्ति का क्रय-विक्रय नहीं हो सकता. हालांकि, मौखिक रूप से और एग्रीमेंट के आधार पर कई संपत्तियों का क्रय-विक्रय हुआ है. इस पर जांच कमेटी ने बताया कि यह वक्फ नामा फर्जी प्रतीत हो रहा है और इस संबंध में कार्रवाई की जाएगी.
वक्फ कागजात की सख्ती से होगी जांच – एसपी संभल
पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने भी कहा कि अब तक की जांच में यह सामने आया है कि वर्तमान कोतवाली भी वक्फ संपत्ति पर स्थित है. सभी वक्फ कागजात की सख्ती से जांच की जाएगी और जिसने भी इसका उल्लंघन किया है, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. एसडीएम, सीओ और ईओ की जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा.
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