Mahakumbh 2025: प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ प्रारंभ हो रहा है. यहां श्रद्धालुओं के साथ-साथ साधु-संतों का आना शुरू हो गया है. इस महाकुंभ में नागा संतों की संख्या बढ़ती जा रही है. इन्हीं में से एक विशेष संत गंगापुरी महाराज जिन्हें ‘टाइनी बाबा’ के नाम से भी जाना जाता है, वह भी प्रयागराज पहुंच चुके हैं. टाइनी बाबा अपने अनोखे रूप और जीवनशैली के कारण भक्तों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं. वह सिर्फ 3 फीट के हैं और उनकी आयु 57 साल है. जबकि उन्होंने 32 साल से स्नान नहीं किया है.
गंगापुरी महाराज ने अपनी हाइट को कभी अपनी कमजोरी नहीं माना. वह इसे अपनी ताकत मानते हैं और कहते हैं कि इस अनोखे रूप के कारण ही लोग उनसे मिलने आते हैं. गंगापुरी महाराज ने पिछले 32 सालों से स्नान नहीं किया है. इस बारे में उनका कहना है कि यह उनका गुप्त संकल्प है, जिसे वह सार्वजनिक नहीं करना चाहते. उन्होंने बताया कि जब संकल्प पूरा हो जाएगा तो वह क्षिप्रा नदी में स्नान करने के लिए जाएंगे.
टाइनी बाबा बाबा का कहना है कि स्नान करने से सिर्फ बाहरी स्वच्छता होती है, जबकि हमें आंतरिक शुद्धता की जरूरत है. गंगापुरी महाराज पहली बार महाकुंभ आए हैं. अभी तक उन्हें स्थायी शिविर आवंटित नहीं किया गया है. वह कभी दूसरे संतों की शिविर में रहते हैं.
टाइनी बाबा प्रसिद्ध जूना अखाड़े के नागा संत हैं. वह असम की कामाख्या पीठ से जुड़े हुए हैं. उनकी लोकप्रियता इतनी है कि महाकुंभ में जब वह बाहर निकलते हैं, तो लोग उनके साथ सेल्फी लेने के लिए जुट जाते हैं. हालांकि, वह ज्यादातर समय एकांत में साधना करते हैं, या शिविर में रहते हैं, ताकि उनकी साधना में कोई विघ्न न आए.
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गंगापुरी महाराज अपनी आध्यात्मिक बातों के लिए भी जाने जाते हैं. लोगों का कहना है कि बाबा का शरीर भले ही छोटा हो, लेकिन उनकी बातें और प्रवचन बहुत ज्ञान से भरा होता है. टाइनी बाबा ने स्पष्ट किया है कि वह महाकुंभ में भाग लेने भले ही आए हों, लेकिन वह स्नान नहीं करेंगे.