नई दिल्ली: पीएम मोदी की अध्यक्षता में आज बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की साल 2025 की पहली बैठक हुई. इस बैठक में किसानों के हित में कई फैसले लिए गए. बैठक में मोदी सरकार ने किसानों के लिए दो बड़े निर्णय लिए हैं, जिनमें प्रमुख है फसल बीमा योजना के लिए आवंटन बढ़ाना.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रिमंडल ने फसल बीमा योजना के आवंटन को बढ़ाकर 69,515 करोड़ रुपये करने को मंजूरी दी है. इस निर्णय से 2025-26 तक किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से फसल नुकसान की स्थिति में अधिक सहायता मिलेगी.
इसके साथ ही सरकार ने योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता बढ़ाने और दावों की गणना एवं निपटान में सुधार के लिए बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल का निर्णय लिया. इसके लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 824.77 करोड़ रुपये की राशि के साथ नवाचार और प्रौद्योगिकी कोष (एफआईएटी) के निर्माण को भी मंजूरी दी है. इस कोष का इस्तेमाल फसल बीमा योजना के तहत प्रौद्योगिकी के नए उपायों जैसे यस-टेक, विंड्स और अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं के लिए किया जाएगा.
मंत्री वैष्णव ने बताया कि इस योजना के तहत उपज अनुमानों में कम से कम 30 प्रतिशत रिमोट सेंसिंग तकनीकी का उपयोग किया जाएगा, जिसे आंध्र प्रदेश, असम, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु और कर्नाटक में पहले ही लागू किया जा चुका है. अन्य राज्य भी इस तकनीकी का तेजी से इस्तेमाल करने की दिशा में काम कर रहे हैं.
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इससे संबंधित एक और महत्वपूर्ण निर्णय के तहत, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राज्यों में स्वचालित मौसम स्टेशनों और पंचायत स्तर पर वर्षा गेज स्थापित करने की योजना को मंजूरी दी है. साथ ही, वर्ष 2024-25 में प्रौद्योगिकी आधारित उपज अनुमान के कार्यान्वयन के लिए राज्यों को उच्च केंद्रीय निधि साझाकरण के साथ सहायता प्रदान की जाएगी. केंद्रीय मंत्रिमंडल के इन फैसलों से किसानों को मौसम से संबंधित सूचनाओं और फसल बीमा योजना का बेहतर लाभ मिल सकेगा.
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