संभल: मुरादाबाद-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर चन्दौसी-बहजोई के बीच स्थित गांव खेतापुर में एक पुरानी सुरंग का पता चला है. स्थानीय लोगों का दावा है कि यह सुरंग ऐतिहासिक महत्व की है. इसका संबंध राजा पृथ्वीराज चौहान के सेनापति चूड़िमाराज और आल्हा ऊदल से जुड़ा हुआ है.
खेतापुर में चूड़िमाराज का किला हुआ करता था और यहां आल्हा-ऊदल का प्रसिद्ध युद्ध भी लड़ा गया था. गांव के पास स्थित चूड़ामणि स्थल पर खुदाई में अष्टधातु के सिक्के और अन्य पुरानी धातुएं मिलती रहती हैं, जो इस स्थान की ऐतिहासिकता को प्रमाणित करती हैं.
हाल ही में तहसीलदार चन्दौसी ने इस स्थल का निरीक्षण किया और प्रशासन ने इस सुरंग की साफ-सफाई कर खुदाई करने की योजना बनाई है. उम्मीद की जा रही है कि यह सुरंग लगभग एक हजार साल पुरानी हो सकती है. स्थानीय लोग बताते हैं कि यह सुरंग संभल स्थित हरिहर मंदिर से जुड़ी हो सकती है.
राजा पृथ्वीराज चौहान की सेना इस सुरंग का इस्तेमाल करती थी. 10 साल पहले यह सुरंग काफी ऊंची थी, लेकिन अब मिट्टी और झाड़ियों से ढकी हुई है. मणि स्थल पर कई संतों की समाधियां भी हैं. बताया जाता है कि यह स्थान वर्षों से संतों का निवास स्थल रहा है. यहां लगातार जलने वाली धूनी और ऐतिहासिक धार्मिक स्थल लोगों को आकर्षित करते हैं.
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कुछ ग्रामीणों का मानना है कि पृथ्वीराज चौहान की बेटी बेला का गौना भी इसी स्थल से हुआ था. इस सुरंग और चूड़ामणि स्थल की खुदाई से ऐतिहासिक रहस्यों का खुलासा हो सकता है. प्रशासन की मंजूरी के बाद इस स्थल पर खुदाई का काम शुरू किया जाएगा. चन्दौसी एसडीएम का कहना है कि यह पूरा मामला जिला प्रशासन को भेजा ज्ञ है, अनुमति मिलने के बाद सुरंग की खुदाई शुरू की जाएगी.