संभल: उत्तर प्रदेश के संभल के चंदौसी कोतवाली क्षेत्र में बावड़ी की खुदाई के दौरान राजस्व विभाग की टीम ने इलाके की नाप की. जांच में बावड़ी के रकबे पर अवैध कब्जे का खुलासा हुआ, जहां अभिलेखों में दर्ज 4.5 वर्ग मीटर के मुकाबले केवल 3.30 वर्ग मीटर क्षेत्र मिला. इसके अलावा, बावड़ी का अंतिम हिस्सा एक दो मंजिला मकान तक पहुंचता है. ऐसे में इन मकानों के बैनामा दस्तावेजों की भी जांच की जाएगी और यदि अवैध कब्जा पाया जाता है तो जमीन को खाली कराया जाएगा. इस बारे में क्षेत्रीय लेखपाल दानवीर सिंह ने जानकारी दी.
वहीं, आज ASI की मेरठ टीम भी चंदौसी क्षेत्र में स्थित एक प्राचीन बावड़ी का निरीक्षण करने पहुंची. ASI के अधिकारी बावड़ी के गहरे अध्ययन और निरीक्षण में जुटे हैं. बावड़ी की खुदाई लगातार कई दिनों से चल रही है, और हर दिन नई परतें उजागर हो रही हैं. खुदाई प्रभारी प्रियंका सिंह ने बताया कि इस कार्य में 40-50 मजदूर लगातार दो शिफ्टों में काम कर रहे हैं. प्रियंका सिंह ने कहा, “हमारा काम दिन-रात जारी है, और हर दिन कुछ नया सामने आ रहा है.”
बावड़ी को संरक्षित करने के लिए जिला प्रशासन के साथ बातचीत जारी
ASI के मेरठ सर्कल इंचार्ज, विनोद सिंह रावत ने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ऐसी कई प्राचीन बावड़ियां मौजूद हैं, जिनकी संरचनाएं समान हैं. उन्होंने यह भी बताया कि इस बावड़ी को संरक्षित करने के लिए जिला प्रशासन के साथ बातचीत की जा रही है. यहां कई बावड़ियां हैं जिनकी संरचना समान है. हमने जिलाधिकारी से मुलाकात की है और इस पर विचार विमर्श चल रहा है.
सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ने का प्रयास
ASI और स्थानीय प्रशासन की टीम ने संभल के ऐतिहासिक स्थलों का दौरा भी किया, जिसमें फिरोजपुर किला, बावड़ियां और चोर कुआं शामिल थे. इन प्रयासों का मुख्य उद्देश्य स्थानीय समुदाय को उनकी सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं से पुनः जोड़ना है.
ये भी पढ़ें: फर्रुखाबाद में कब्जा मुक्त कराया गया सैकड़ों साल पुराना शिवालय, गंगा किनारे 12 से अधिक शिवालय मौजूद