ढाका: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में मतदाता की न्यूनतम आयु 18 वर्ष से घटाकर 17 वर्ष कर दी जानी चाहिए. यह सुझाव उन्होंने फोरम फॉर बांग्लादेश स्टडीज के चुनाव संवाद कार्यक्रम में वीडियो संदेश के माध्यम से दिया.
प्रोफेसर यूनुस ने कहा कि देश के युवा वर्ग को अपने भविष्य और देश की दिशा पर राय देने का पूरा अधिकार है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बांग्लादेश में युवाओं की संख्या बहुत अधिक है और यह युवा वर्ग देश के भविष्य के निर्माण में काफी रुचि रखता है. उनका मानना है कि यदि 17 वर्ष की आयु को मतदान के लिए न्यूनतम मान्यता दी जाती है, तो युवाओं को चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने का मौका मिलेगा, जो देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान कर सकते हैं.
बांग्लादेश में वर्तमान में मतदान करने की न्यूनतम आयु 18 वर्ष है, जबकि चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 25 वर्ष है. प्रोफेसर यूनुस ने उम्मीद जताई कि चुनाव सुधार आयोग इस सिफारिश पर गंभीरता से विचार करेगा. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यदि आयोग कोई अलग राय रखता है और देश के अधिकांश लोग आयोग द्वारा सुझाई गई आयु को स्वीकार करते हैं, तो वे इसे आम सहमति से मानने को तैयार हैं.
इसके अलावा, प्रोफेसर यूनुस ने बताया कि अंतरिम सरकार ने बांग्लादेश के विकास और चुनावी प्रक्रिया सुधार के लिए 15 सुधार आयोगों का गठन किया है. ये सभी आयोग जनवरी में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे. इन आयोगों का उद्देश्य बांग्लादेश को एक बेहतर चुनावी और राजनीतिक प्रणाली प्रदान करना है, ताकि देश चुनाव की राह पर आगे बढ़ सके.
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मुख्य सलाहकार ने यह भी कहा कि यह सुधार प्रक्रिया केवल सरकार का काम नहीं है, बल्कि यह हर नागरिक, राजनीतिक दलों, समाज के विभिन्न समुदायों और धार्मिक समूहों की जिम्मेदारी है कि वे इस प्रक्रिया में भाग लें और इसे सफल बनाएं. उन्होंने जोर दिया कि यह जरूरी नहीं है कि सभी को आयोग की सिफारिशें स्वीकार करनी हों, इसलिए राष्ट्रीय सहमति निर्माण आयोग का भी गठन किया गया है, जो सभी पक्षों को एकजुट करने की कोशिश करेगा.