नई दिल्ली: 10 सालों तक (2004-2014) तक देश के प्रधानमंत्री रहे डॉ मनमोहन सिंह के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है. उनके अंतिम दर्शन करने के लिए लोग दिल्ली पहुंच रहे हैं. बीती गुरुवार की रात को ही राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बेंगलुरु से नई दिल्ली पहुंच चुक हैं. वहीं, आज शुक्रवार की सुबह पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह डॉ सिंह के अंतिम दर्शन करने पहुंचे. डॉ मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री और अनेक प्रशासनिक पदों पर रहे और देश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में अहम योगदान दिया. उनके द्वारा किए गए कुछ कार्य जो भारत के विकास में मील का पत्थर साबित हुए. आइए उन्हीं कार्यों के बारे में जानते हैं.
सूचना का अधिकार (2005)
मनमोहन सरकार ने 2005 में सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) लागू किया, जिससे नागरिकों को सरकारी विभागों से सूचना प्राप्त करने का अधिकार मिला. इस कानून ने सरकारी कामकाज में पारदर्शिता बढ़ाई और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण पाने में मदद की.
मनरेगा (2005)
प्रधानमंत्री बनने के बाद डॉ मनमोहन सिंह ने 2005 में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा) लागू किया, जो बाद में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के रूप में जाना गया. इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में हर परिवार के एक सदस्य को 100 दिन की मजदूरी का गारंटी दिया गया. अगर काम नहीं मिलता, तो बेरोजगारी भत्ता देने का नियम बनाया. इस फैसले से ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी में कमी आई और ग्रामीण पलायन में भी कुछ हद तक रुका.
भारत-अमेरिका परमाणु समझौता (2005)
2005 में भारत और अमेरिका के बीच ऐतिहासिक परमाणु समझौता हुआ. जिसने भारत को परमाणु तकनीक और ईंधन प्राप्त करने का रास्ता खोला. इस समझौते के बाद भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद मिली और यह भारत-अमेरिका संबंधों का एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित हुआ.
शिक्षा का अधिकार कानून (2009)
2009 में डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व में शिक्षा का अधिकार कानून लागू किया गया. इस कानून के तहत 6 से 14 साल तक के बच्चों को मुफ्त शिक्षा का अधिकार दिया गया. इस कदम से देश में शिक्षा का स्तर बेहतर हुआ और गांवों के बच्चे भी बड़ी संख्या में स्कूल जाने लगे.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (2013)
2013 में डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून लागू किया गया, जिसके तहत भारत के 66 फीसदी परिवारों को सस्ती दरों पर अनाज उपलब्ध कराया गया. यह कानून गरीबों और कमजोर वर्ग के लिए खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करता है.
भूमि अधिग्रहण कानून (2013)
मनमोहन सरकार ने 2013 में भूमि अधिग्रहण कानून पारित किया. इस कानून का उद्देश्य विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए सरकार द्वारा अधिग्रहण की जाने वाली भूमि का उचित मुआवजा देना है. यह कानून अधिग्रहण की गई भूमि के बाजार मूल्य से चार गुना अधिक मुआवजा देने का अधिकार प्रदान करता है.
वन अधिकार कानून (2006)
मनमोहन सरकार ने 29 दिसंबर 2006 को वन अधिकार कानून बनाया. इस कानून के तहत वन-भूमि आदिवासी व अन्य समुदायों को वन भूमि पर कानून अधिकार देना है. इसे सक्षिप्त में FRA (Forest Rights Act) के नाम से भी जाना जाता है.